बंधुआ मजदूर बनाकर बच्ची के साथ करते थे घरेलू हिंसा, NGO ने चंगुल से छुड़ाया
लड़की पिछले छह महीने से रिटायर्ड इंजीनियर के घर बंधुआ मजदूर के तौर पर रह रही थी। इसके लिए उसके पिता शंकर को 20 हजार रुपये चुकाया गया था।
हैदराबाद (तेलांगना), एएनआई। यहां एक सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी द्वारा बाल मजदूरी के नाम पर 13 वर्षीय बच्ची के साथ घरेलू हिंसा का मामला सामने आया है। हालांकि जानकारी मिलने पर एक एनजीओ की पहल से बच्ची को उनके चंगुल से छुड़ा लिया गया।
सूचना मिलने पर बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ बलाला हक्कुला संगम ने चाइल्ड लाइन व डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन के साथ मिलकर वनस्थली पुरम स्थित इंजीनियर्स कॉलोनी में रहने वाले के भीम रेड्डी के घर पर छापा मारा और बच्ची को बचा लिया।
डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के अधिकारियों के मुताबिक, वानापर्थी के बलीजा पली की रहने वाली लड़की पिछले छह महीने से रिटायर्ड इंजीनियर के घर बंधुआ मजदूर के तौर पर रह रही थी। इसके लिए उसके पिता शंकर को 20 हजार रुपये चुकाया गया था।
एनजीओ के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि बच्ची जब भी अपने मां से मिलने की इजाजत मांगती, रेड्डी की पत्नी द्वारा उसे पीटा जाता था। वो अक्सर घरेलू हिंसा का शिकार होती थी। सूचना मिलने पर एनजीओ ने बच्ची को बचाने के लिए श्रम विभाग से संपर्क किया। मगर उन्होंने कहा कि वो श्रम दिवस का जश्न मनाने में व्यस्त हैं। बाद में बच्ची को छुड़ाकर कचीगुदा गर्ल्स होम में भेज दिया गया और आरोपी को वनस्थली पुरम पुलिस द्वारा कस्टडी में ले लिया गया।
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