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दिव्यांगों के लिए स्टैंडर्ड फ्लोर बसों में लगाई जाएंगी हाइड्रोलिक लिफ्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लो फ्लोर बसें क्यों नहीं खरीदी जा रहीं जो दिव्यांगों के अनुकूल हों।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 25 Jul 2018 10:00 PM (IST)
दिव्यांगों के लिए स्टैंडर्ड फ्लोर बसों में लगाई जाएंगी हाइड्रोलिक लिफ्ट
दिव्यांगों के लिए स्टैंडर्ड फ्लोर बसों में लगाई जाएंगी हाइड्रोलिक लिफ्ट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्टैंडर्ड फ्लोर बसों में हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाएंगी ताकि ये बसें दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक हो सकें। कोर्ट ने इस बारे में सरकार से हलफनामा मांगते हुए मामले को कल फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा कि जब ये स्टैंडर्ड फ्लोर बसें दिव्यांगों के अनुकूल नहीं हैं तो फिर सरकार इन्हें क्यों लेना चाहती है।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ कर रही है। मामला 2000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसो की ख्ररीद का है। 1000 बसों की खरीद का टेंडर डीटीसी ने दिया है जबकि बाकी की 1000 कलस्टर बसे दिल्ली सरकार ने टेंडर निकाल कर खरीदी हैं। पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल किया कि जब ये बसें दिव्यांगों के अनुकूल नहीं हैं तो फिर सरकार इन्हें क्यों खरीदना चाहती है।

पीठ ने कहा कि ये मान लिया जाए कि कलस्टर बसें ग्रामीण और सबअर्बन इलाकों में चलती हैं जहां की सड़के ठीक नहीं हैं, लेकिन डीटीसी क्यों 1000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसे खरीद रहा है। इस पर सरकार के वकील ने बताया कि 1000 बसों को खरीदने का डीटीसी का टेंडर निरस्त हो सकता है क्योंकि उसके लिए सिर्फ एक ही निविदा आयी है। इसके अलावा सरकार द्वारा खरीदी गई कलस्टर स्टैंडर्ड फ्लोर बसों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने के लिए उनमें हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाएंगी। जिस पर कुल 80 - 90 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है।

पीठ ने कहा कि लो फ्लोर बसें क्यों नहीं खरीदी जा रहीं जो दिव्यांगों के अनुकूल हों। इस पर दिल्ली सरकार और डीटीसी के वकील ने कहा कि उनकी परिवहन मंत्री से बात हुई थी जिन्होंने उन्हें बताया है कि 500 अतिरिक्त लो फ्लोर बसें खरीदी जाएंगी जो दिव्यांगो के अनुकूल होंगी।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद के टेंडर पर रोक लगाकर गलती की है क्योंकि सरकार सारी शर्ते पूरी करती है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बसों की खरीद के टेंडर पर सुप्रीम कोर्ट के गत वर्ष 15 दिसंबर के आदेश को देखते हुए रोक लगा दी थी जिसमें सार्वजनिक परिवहन को दिव्यांगों के अनुकूल बनाए जाने के निर्देश दिये गए हैं।