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'हद होती है... मैं कैप्टन अंशुमान की पत्नी नहीं हूं', आखिर ट्रोलिंग से परेशान ये महिला कौन है?

कैप्टन अंशुमान की पत्नी स्मृति सिंह समझकर एक इन्फ्लुएंसर को लोग इंटरनेट मीडिया पर निशाना बना रहे हैं। महिला इन्फ्लुएंसर ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर स्पष्टीकरण जारी किया है कि वह स्मृति सिंह नहीं है। महिला ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है। ट्रोलिंग से परेशान महिला का नाम रेशमा सेबेस्टियन है। वे जर्मनी में रहती हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 15 Jul 2024 07:28 PM (IST)
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पहली फोटो में कैप्टन अंशुमान की मां और पत्नी, दूसरी फोटो में इन्फ्लुएंसर रेशमा सेबेस्टियन।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेट मीडिया पर एक महिला को कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी समझ ट्रोल किया जा रहा है। इन सबसे परेशान होकर महिला ने अपना पक्ष रखा और कानूनी कार्रवाई की बात कही है। महिला का नाता केरल से है और इंस्टाग्राम पर एक लोकप्रिय इन्फ्लुएंसर है। रेशमा सेबेस्टियन नाम की महिला इन्फ्लुएंसर ने कहा कि वह कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह नहीं हैं।

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दरअसल, लोगों का कहना कि रेशमा और कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी का चेहरा और हेयर स्टाइल काफी मिलता-जुलता है। यही वजह है कि लोग रेशमा को स्मृति सिंह समझ बैठे। बता दें कि रेशमा सेबेस्टियन जर्मनी में रहती हैं। उनकी एक चार साल की बच्ची भी है। इंस्टाग्राम पर रेशमा के तीन लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

हद होती है... पहले बायो तो पढ़ें

रेशमा ने लिखा कि यह बेतुका है! स्मृति सिंह के बारे में गलत जानकारी फैलाने की खातिर मेरी पहचान का उपयोग किया जा रहा है। हम कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं। तस्वीरों और फैशन वीडियो के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

रेशमा ने अपने इंस्टाग्राम फीड पर लिखा कि, " एक सीमा होती है। यह स्मृति सिंह (भारतीय सेना के सैनिक कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा) का पेज/आईजी अकाउंट नहीं है। पहले प्रोफाइल डिटेल और बायो पढ़ें। कृपया गलत जानकारी और नफरत भरे कमेंट फैलाने से बचें।"

कैप्टन अंशुमान ने सियाचिन में दिया था बलिदान

बता दें कि 19 जुलाई 2023 में सियाचिन में भारतीय सेना के गोला-बारूद के भंडार में आग लग गई थी। अपने साथी जवानों की जान बचाते हुए कैप्टन अंशुमान ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार छह जुलाई को कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था।

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