Move to Jagran APP

तारीख पर तारीख का जाएगा जमाना, राजद्रोह कानून भी होगा खत्म; नए क्रिमिनल लॉ को मिली राज्यसभा से भी मंजूरी

लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीनों बिलों को पारित किया। इसी के साथ ही तीनों बिलों को संसद की मंजूरी मिल गई। उन्होंने कहा कि तारीख पर तारीख का जमाना जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ कानूनों के नाम नहीं बदले हैं उसके उद्देश्य के अंदर अमूल चूल परिवर्तन भी किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 21 Dec 2023 08:30 PM (IST)
Hero Image
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो: @BJP4India)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीनों बिलों को पारित किया। इसी के साथ ही नए क्रिमिनल लॉ को सदन की मंजूरी मिल गई।

राज्यसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीनों बिलों पर चर्चा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जवाब देते हुए कहा कि इस कानून के पूर्णत: कार्यान्वयन होने पर तारीख पर तारीख का जमाना जाएगा। तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल जाए ऐसी न्याय प्रणाली इस देश में प्रस्तावित होगी।

अमित शाह ने कहा कि हमने सिर्फ कानूनों के नाम नहीं बदले हैं, उसके उद्देश्य के अंदर अमूल चूल परिवर्तन भी किया गया है। जिन तीनों बिलों को मैं लेकर आया हूं, उनका उद्देश्य दंड देने का नहीं है, न्याय देने का है।

क्या कुछ बोले गृह मंत्री?

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम...इन तीनों कानूनों को 1957 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था। जिसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा करना था। इसमें कहीं भारत के नागरिक की सुरक्षा, उसके सम्मान और मानव अधिकार की सुरक्षा कहीं नहीं थी।

यह भी पढ़ें: औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति से जुड़े विधेयक लोकसभा से पारित, दंड की जगह न्याय देने पर जोर

बचपन से रहा कांग्रेस का विरोधी

इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर खुलकर बात की और कहा कि मुझे बचपन से ही कांग्रेस पार्टी पसंद नहीं थी। मेरी विचारधारा में जुड़ने से पहले भी कांग्रेस मुझे पसंद नहीं आती थी और तब से मैं विरोधी रहा हूं। जब-जब कांग्रेस सत्ता में आती थी तब 124ए (राजद्रोह) का बड़े मौज से उपयोग करते थे, लेकिन सत्ता से जाने के बाद इसे निरस्त करने की बात कही। उन्होंने कहा,

इन्होंने (कांग्रेस) राजद्रोह को कभी समाप्त नहीं करना चाहा, लेकिन भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार इस देश के कानून से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त करने जा रही है। शासन के खिलाफ बोलने का अधिकार हमारे संविधान का मूल अधिकार है।

कांग्रेस पर अमित शाह ने कसा तंज

अमित शाह ने कहा कि जिस धाराओं के तहत बालगंगाधर तिलक, महात्मा गांधी और वीर सावरकर जेल में गए। मुझे आनंद है कि वह धारा आज यहां से समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि ये कहते हैं कि राजद्रोह को आप अलग तरीके से देशद्रोह बनाकर लाए हैं। उन्होंने कहा,

अब बीएनएस में धारा 152 में भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के खिलाफ, जो कुछ करेगा उसको देशद्रोही माना जाएगा। सरकार की जगह पर भारत शब्द का प्रयोग किया गया। इन लोगों को भारत शब्द ही पसंद में नहीं आता है, मगर मैं क्या कर सकता हूं। इस देश का नाम ही भारत है।

यह भी पढ़ें: अनिश्चितकाल के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित, ओम बिरला बोले- 14वें सत्र में 74 फीसद हुआ कामकाज