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राहुल गांधी के बयान पर अमेरिका ने पाकिस्‍तान और चीन के पाले में डाली गेंद, कहा- वो देंगे इसका जवाब

अमेरिका ने राहुल गांधी के उस बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है जिसमें उन्‍होंने पाकिस्‍तान और चीन के करीब आने की वजह मोदी सरकार की गलत नीतियां बताया था। अमेरिका का कहना है कि इसका जवाब वही दे सकते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 03 Feb 2022 02:22 PM (IST)
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राहुल गांधी के बयान पर अमेरिका ने साधी चुप्‍पी

वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता नेड प्राइस ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के उस बयान पर चुप्‍पी साध ली है, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण चीन और पाकिस्‍तान आपस में अधिक करीब आए हैं। कांग्रेस नेता ने ये बयान बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए दिया था। हालांकि, इस बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की थी।

राहुल गांधी के दिए इस बयान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा है कि वो इस बयान का किसी भी सूरत में समर्थन नहीं करते हैं। इसको पाकिस्‍तान और चीन पर छोड़ते हैं। वो बताएं कि उनमें आपस में कैसे संबंध है। इस बयान पर प्राइस ने और अधिक कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। राहुल गांधी का कहना था कि न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पेगासस के जरिए यूनियन ऑफ स्टेट्स की आवाज को दबाने का काम सरकार कर रही है।

लोकसभा में बहस के दौरान राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि सरकार देश को किसी शहंशाह की तरह चलाने की कोशिश कर रही है। सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश को आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। उन्‍होंने पीएम नरेन्‍द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो खतरे से खेल रहे हैं। राहुल ने आगे कहा कि उनकी सलाह है कि रुक जाइये। पाकिस्‍तान और चीन को हल्‍के में नहीं लीजिए। आप पहले ही चीन और पाकिस्‍तान को करीब ला चुके हैं। 

राहुल ने ये भी कहा कि उन्‍हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन के पास स्पष्ट योजना है, जिसकी बुनियाद डोकलाम और लद्दाख में रख दी गई है। ये देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्‍होंने सरकार की विदेश नीति और जम्‍मू कश्‍मीर में अपनाई जा रही नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने दो मोर्चों को एक मोर्चे में बदल दिया है। 

लोकसभा में राहुल गांधी ने सरकार की इस बात को लेकर भी खिल्‍ली उड़ाने की कोशिश की कि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई विदेशी अतिथि शामिल नहीं हुआ। उन्‍होंने ये भी कहा कि मौजूदा समय में दो तरह का भारत है। एक जो गरीब है और दूसरा वो जिसके पास अथाह दौलत है। उन्‍हें नौकरी नहीं चाहिए और न ही गैस पानी का कनेक्‍शन चाहिए। लेकिन ऐसे ही लोग देश को नियंत्रित कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ एक गरीब भारत है, जिसको हर जरूरी सुविधा के साथ नौकरी भी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि देश के अमीरों के पास देश की पचास फीसद से अधिक दौलत है। वहीं, 10 लोगों के पास 40 फीसद धन है। सरकार पर हमलावर होते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अब देश और इसका नागरिक चुप नहीं बैठने वाला है। 

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समझ से परे है कि राहुल गांधी भारत विरोधी बयान क्यों देते है??? उन्हें ये क्यों नहीं दिखता की मोदी सरकार की सजगता के कारण ही पाकिस्तान-चीन की गलतनीतियों पर सभी देश लामबंद है और समय-समय पर उन्हें आइना दिखाते रहते है अब तो राहुल ’जी’ की नियति पर अमेरिकी अधिकारी भी सवाल उठा रहे है - Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) 3 Feb 2022