Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

IAF ने पाक-चीन सीमा पर तैनात किए S-400, फाइनल डिलीवरी को लेकर जल्द होगी रूसी अधिकारियों के साथ बैठक

भारतीय वायुसेना यानी IAFने पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर तीन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल स्क्वाड्रनों का परिचालन शुरू कर दिया है। बचे दो स्क्वाड्रन के लिए अंतिम डिलीवरी कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए जल्द ही भारतीय और रूसी अधिकारी मिलने वाले हैं।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 30 Oct 2023 11:12 PM (IST)
Hero Image
भारतीय वायुसेना ने पाक-चीन सीमा पर तैनात किए S-400

एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर अपने तीन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल स्क्वाड्रनों का परिचालन शुरू कर दिया है। बचे दो स्क्वाड्रन के लिए अंतिम डिलीवरी कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए जल्द ही भारत और रूस के अधिकारी मिलने वाले हैं।

रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण नहीं हो पाई डिलीवरी

भारत ने 2018-19 में एस-400 मिसाइलों के पांच स्क्वाड्रन के लिए रूसी पक्ष के साथ 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से तीन पहले ही देश में आ चुके हैं. लेकिन शेष दो की डिलीवरी रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण नहीं हो पाई थी।

चीन-पाकिस्तान सीमा पर रखी जा रही नजर

न्यूज एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि तीन स्क्वाड्रन पहले ही महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चालू हो चुके हैं। एक इकाई चीन और पाकिस्तान दोनों पर नजर रख रही है, जबकि एक-एक को चीन और पाकिस्तान मोर्चों के लिए रखा गया है।

यह भी पढ़ें: S-400 : भारत को रूस तय समय पर करेगा एस-400 की डिलीवरी, भारत में रूस के राजदूत ने की पुष्टि

जल्द बैठक करेंगे रूसी और भारतीय अधिकारी

एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रूसी और भारतीय अधिकारी शेष दो मिसाइल स्क्वाड्रनों की अंतिम डिलीवरी कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए जल्द ही फिर से बैठक करेंगे। हालांकि, रूसी पक्ष डिलीवरी की टाइमिंग के बारे में स्पष्ट नहीं है। इसकी वजह यूक्रेन के साथ संघर्ष है।

यह भी पढ़ें: THAAD vs S-400: जानिए S-400 की किन खूबियों के कारण भारत ने थाड के मुकाबले इसे दी तरजीह

बता दें कि भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की खरीद को मंजूरी दे दी है। भारतीय वायुसेना एलआर-एसएम की डिलीवरी अनुसूची को सीमित करने के लिए डीआरडीओ के साथ काम कर रही है। तीन स्तरीय लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली (एलआर-एसएम) 400 किमी के रेंज में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम होगी।