दुश्मनों पर कहर बरपाएंगे नई मिसाइल से लैस Sukhoi- 30, 250 किमी से अधिक दूरी से लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम
भारतीय वायु सेना अपने सुखोई-30 बेड़े की क्षमताओं को और अधिक मजबूत बनाने जा रही है। वायु सेना सुखोई 30 को नई मिसाइल से प्रणाली से लैस कर रही है जो जमीन पर मौजूद अपने टारगेट को 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी से मार गिरा सकती है।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 07 Dec 2022 06:58 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले दुश्मनों की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना सुखोई (एसयू-30) लड़ाकू विमानों को नई मिसाइल से लैस कर रही है। स्वदेशी हाई स्पीड लो ड्रैग मिसाइल से लैस सुखोई (एसयू-30) लड़ाकू विमान दुश्मनों पर कहर बरपाने वाले हैं। यह मिसाइल वायु से सतह पर 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम है। मिसाइल एसयू-30 लड़ाकू विमानों की क्षमताओं को और बढ़ाएगी।
लक्ष्य को 250 किमी दूरी से ही नष्ट करने में सक्षम
स्वदेशी हाई स्पीड लो ड्रैग मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया जा रहा है। रक्षा सूत्रों ने बताया, 'नई हाई-स्पीड लो ड्रैग मिसाइल 250 किलोमीटर से अधिक के लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है।' इस मिसाइल के साथ वायु सेना और अधिक आक्रमक तरीके से दुश्मन के सैन्य शिविरों और आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद कर सकेगी। जैसा कि भारत ने वर्ष 2019 में बालाकोट आपरेशन के दौरान दुश्मन की सीमा में घुसकर उसे सबक सिखाया था।
एसयू- 30 को भी अपग्रेड करने पर भी हो रहा काम
इसके साथ ही वायुसेना एसयू-30 को भी अपग्रेड करने पर भी काम कर रही है। ऐसे 85 विमानों को बेड़े में शामिल किया जाएगा। वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को शामिल करके सुखोई-30 की क्षमताओं को पैमाने पर मजबूत किया है, जो 500 किलोमीटर से अधिक दूरी के लक्ष्यों को मार सकती है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में भी सुधार देखा गया है। ब्रह्मोस क्षमता वायु सेना को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली जैसे किसी भी लंबी दूरी के ट्रैकिंग रडार से निपटने में मदद कर सकती है।बता दें कि इस समय वायुसेना के पास हैं 250 से अधिक एसयू-30 लड़ाकू विमान वायुसेना के पास इस समय 250 से अधिक एसयू- 30 लड़ाकू विमान हैं। ये विमान आधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों के साथ देश की रक्षा के लिए तैनात हैं।ये भी पढ़ें: Fact Check: घायल छात्रों की इन तस्वीरों का जेएनयू हालिया विवाद से नहीं है कोई संबंध, DU की घटना भ्रामक दावे से वायरल