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Hybrid War: भारत को हाइब्रिड वार के लिए तैयार रहना चाहिए, वायुसेना प्रमुख ने ऐसा क्यों कहा?

वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा है कि पड़ोसी देशों में सुरक्षा का माहौल आदर्श से कोसों दूर है। इस दौरान उन्होंने चेतावनी भी दी और कहा कि भारत को हाइब्रिड युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 06:26 PM (IST)
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वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एजेंसी। एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (Air Chief Marshal Vivek Ram Chaudhari) ने मंगलवार को कहा कि हमारे पड़ोस में माहौल आदर्श स्थति से काफी दूर है। इसलिए हमें हाइब्रिड वार (युद्ध) के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें अपने विरोधियों पर तकनीकी बढ़त बनानी होगी। आर्थिक प्रगति को घरेलू सैन्य क्षमताओं से जोड़ने की आवश्यकता है।

यहां भारत रक्षा सम्मेलन में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि देश को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है। विशिष्ट चुनौती हाइब्रिड युद्धों से है और देश को इस तरह की स्थति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीव्र आर्थिक विकास ने देशों को सैन्य प्रौद्योगिकी और उससे संबंद्ध अनुसंधान और विकास में भारी निवेश करने की अनुमति दी है। स्वदेशी अनुसंधान, हथियार व नेटवर्किंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा।

'हमारी अर्थव्यवस्था ने मजबूत सुधार दिखाया है'

वी आर चौधरी ने भारत रक्षा सम्मेलन में कहा, 'यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है। दुनिया एक आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रही है। कई छोटे देश पहले से ही अति मुद्रास्फीति के कारण राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का खामियाजा भुगत रहे हैं। इस माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है।

'पड़ोस में सुरक्षा वातावरण आदर्श से बहुत दूर है'

वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा, 'हमारे पड़ोस में सुरक्षा वातावरण आदर्श से बहुत दूर है। इसलिए, हमारी आर्थिक प्रगति को घरेलू सैन्य क्षमताओं के प्रतिबिम्बित पथ द्वारा पूरक बनाने की आवश्यकता है। तीव्र आर्थिक विकास ने देशों को सैन्य प्रौद्योगिकी और संबद्ध अनुसंधान और विकास में भारी निवेश करने की अनुमति दी है।

'भारत सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है'

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि विभिन्न शक्ति केंद्रों द्वारा आर्थिक, तकनीकी और सैन्य क्षेत्रों में कमजोर और खाली स्थानों में अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, 'भारत एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास और सुरक्षा के उद्देश्यों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'

वायुसेना प्रमुख ने चेताया

चौधरी ने जोर देकर कहा कि आज के राजनीतिक परि²श्य को देखते हुए भारतीय वायु सेना के लिए पारंपरिक, उप-पारंपरिक और गैर-पारंपरिक डोमेन में अपनी क्षमताओं को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विभिन्न शक्ति केंद्रों द्वारा आर्थिक, तकनीकी और सैन्य क्षेत्रों में कमजोर और खाली स्थानों में अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास और सुरक्षा के उद्देश्यों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

'आज हम कई तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं'

वी आर चौधरी ने कहा, 'आज, हम कई तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं, लेकिन एक विशिष्ट चुनौती हाइब्रिड युद्धों में अभिसरण की है। ऐसे खतरों का मुकाबला करने के लिए, हमें अपने विरोधियों पर एक तकनीकी बढ़त बनाने और बनाए रखने और हाइब्रिड युद्ध के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। यह स्वदेशी अनुसंधान और विकास और प्लेटफार्म, सेंसर, हथियार या नेटवर्किंग के उत्पादन की प्रतीक्षा करता है, जो भविष्य की क्षमता निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'

क्या होता है हाइब्रिड वार

हाइब्रिड वार एक छदम युद्ध है। यह वह सैनिक रणनीति है जिसमें परंपरागत युद्ध के साथ साइबर और मनोवैज्ञानिक युद्ध मिलकर लड़ा जाता है। यह लड़ाई सिर्फ हथियारों से नहीं लड़ी जाती, बल्कि जनता की सोच बदलने में भी लगी रहती है। हाइब्रिड वार के तहत अफवाहें, भ्रामक खबरें, गलत जानकारियां फैलाई जाती हैं। नियमित ऐसा करते रहने से आमजन की सोच बदलने लगती है। इंटरनेट मीडिया के वर्तमान दौर में ऐसा करना बेहद सरल भी है।

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