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IBCA: इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस से संरक्षण के साथ सधेगी डिप्लोमेसी भी, दुनिया के 96 देशों को जोड़ने की तैयारी

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने आइबीसीए से जुड़ी जानकारी शुक्रवार को साझा की। इस पहल को भारत की साफ्ट डिप्लोमेसी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसमें वह बिग कैट की मौजूदगी वाले देशों के साथ बाहर के उन देशों को भी साथ लाने की तैयारी में है जो अपने यहां बिग कैट पालना चाहते हैं। उन्हें बिग कैट को रखने से जुड़ी सभी तकनीकी में मदद दी जाएगी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Fri, 01 Mar 2024 07:55 PM (IST)
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IBCA: इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस से संरक्षण के साथ सधेगी डिप्लोमेसी भी (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आइबीसीए) के गठन और देश में ही इसका मुख्यालय खोलने की मंजूरी देकर भारत दुनिया भर में बिग कैट संरक्षण की मुहिम का न सिर्फ अगुवा बन गया है, बल्कि वह बिग कैट डिप्लोमेसी के जरिए दुनिया के उन 96 देशों को साथ लाने में जुट गया है, जहां मौजूदा समय में बिग कैट पायी जाती है।

नौ अंतरराष्ट्रीय संगठन भी अलायंस से जुड़ने को तैयार

भारत को इस मोर्चे पर मंजूरी के पहले दिन ही बड़ी सफलता हाथ लगी है, जब दुनिया के 16 देशों ने इस अलायंस से जुड़ने को लेकर अपनी स्वीकृत दी है। इसके साथ ही बिग कैट के संरक्षण से जुड़े दुनिया के नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी अलायंस से जुड़ने को लेकर अपनी स्वीकृत दी है।

भारत की साफ्ट डिप्लोमेसी

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने आइबीसीए से जुड़ी जानकारी शुक्रवार को साझा की। इस पहल को भारत की साफ्ट डिप्लोमेसी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसमें वह बिग कैट की मौजूदगी वाले देशों के साथ बाहर के उन देशों को भी साथ लाने की तैयारी में है, जो अपने यहां बिग कैट पालना चाहते हैं। उन्हें बिग कैट को रखने से जुड़ी सभी तकनीकी और सुरक्षा सुविधाएं जुटाने में मदद दी जाएगी।

बिग कैट के संरक्षण के लिए दस साल का प्लान तैयार

इसके साथ अलायंस दुनिया भर में बिग कैट के संरक्षण के लिए दस साल का एक प्लान भी तैयार करेगा। जो 2024 से 2033 तक के लिए होगा। इस दौरान बिग कैट की सभी सातों प्रजातियों पर एक साथ काम किया जाएगा। गौरतलब है कि बिग की सात प्रजातियों में से मौजूदा समय में पांच प्रजातियां देश में पायी जाती है। इनमें बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता शामिल है, जबकि बिग कैट में शामिल प्यूमा और जगुआर अमेरिका और अफ्रीका देशों में पाए जाते है।

पहले दिन ही अलायंस से जुड़ने की इन देशों में दी सहमति

अरमेनिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, कंबोडिया, इजिप्ट, इथोपिया, इक्वाडोर, केन्या, मलेशिया, मंगोलिया, नेपाल, नाइजीरिया, पेरू, सुरीनाम और यूगांडा।

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