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Kandahar Hijack: जिन तीन आतंकियों के लिए हुआ था हाईजैक, आज वो कहां हैं और क्या करते हैं?

साल 1999 में हुई कंधार हाईजैक की घटना को आज भी याद किया जा रहा है। वेब सीरीज IC 814 The Kandahar Hijack के रिलीज होने के बाद हाईजैक से जुड़ी यादें ताजा हो गई हैं। करीब 25 साल पहले हाईजैक के बदले तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ा था। रिहा होने के बाद इन आतंकियों ने भारत को कई जख्म दिए।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Fri, 06 Sep 2024 07:18 PM (IST)
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आज कहां हैं कंधार हाईजैक के आतंकी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेब सीरीज IC 814: The Kandahar Hijack विवादों में है। सीरीज में रखे गए आतंकियों के कोड नेम को लेकर काफी विवाद हुआ। इसको लेकर नेटफ्लिक्स को अपनी सफाई तक देनी पड़ी। बहरहाल, सीरीज के रिलीज होने के बाद इससे जुड़ी कई लोगों की यादें ताजा हो गई हैं।

करीब 25 साल पहले हुए कंधार हाईजैक के बदले भारत सरकार ने तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ा था। इनमें मसूद अजहर, मुश्ताक जरगर और उमर शेख शामिल थे। इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि आज ये आतंकी कहां हैं और क्या करते हैं।

मसूद अजहर

तीनों आतंकियों में मसूद अजहर सबसे खूंखार है। मसूद अजहर जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद था। जिन आतंकियों ने एयर इंडिया के प्लेन को हाईजैक किया था, उन्होंने मसूद को छोड़ने की मांग रखी थी। मसूद ने अपने संगठन जैश-ए-मोहम्मद को फिर से खड़ा किया। उसने भारत को कई जख्म दिए। भारतीय संसद, मुंबई और पठानकोट एयरबेस पर हुए हमलों में मसूद का हाथ था। यहीं नहीं, पुलवामा हमले में भी उसके हाथ होने के सबूत हैं। हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। हाल ही में उसके मरने की अफवाह भी उड़ी थी।

मुश्ताक अहमद जरगर

जरगर को 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था, कंधार हाईजैक के दौरान उसे मसूद अजहर और शेख उमर के साथ रिहा कर दिया गया था। मुश्ताक जरगर एक कश्मीरी आतंकी कमांडर है और वह जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान में आतंकी संगठन चला रहा है। घाटी में कई आतंकियों समूहों के लिए उसने लोगों की भर्ती भी की हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा लश्कर का "मुख्य" भर्तीकर्ता करार दिया था। जरगर अभी पाकिस्तान में ही रहता है।

उमर शेख

उमर शेख का पूरा नाम अहमद उमर सईद शेख है। शेख पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश आतंकवादी है। सईद शेख ने साल 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तान में किडनैप करवाया और उनकी हत्या करवा दी थी। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन सालों बाद अब सिंध हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा से मुक्त कर दिया। बताया जाता है कि वो आज भी जिंदा है।