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कोवैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित, ICMR की स्टडी से मिले संकेत; स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने दी जानकारी

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि आईसीएमआर की एक स्टडी के रिजल्ट ने इस बात के संकेत दिए कि कोवैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित है। उन्होंने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 04 Feb 2023 05:07 AM (IST)
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कोवैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित, ICMR की स्टडी में मिले संकेत
नई दिल्ली, पीटीआई। कोवैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित है और कोरोना के उभरते हुए नए वेरिएंट के खिलाफ युद्ध में जरूरी है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने यह शुक्रवार को संसद में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी ने संकेत दिया है कि कोवैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित और आवश्यक है क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट के शुरुआती संक्रमण को कम करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुनिश्चित किया जा सके।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में लोकसभा को बताया कि आईसीएमआर ने कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता और दुष्प्रभावों पर एक स्टडी की गई। यह स्टडी मई और जुलाई 2021 के बीच हुई। उन्होंने कहा कि स्टडी के रिजल्ट से संकेत मिलता है कि कोरोना से बचाव के लिए दी जाने वाली कोवैक्सीन वैक्सीन की एहतियाती डोज सुरक्षित है।

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एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा को बताया कि सरकार ने सभी कार्यस्थलों पर मासिक धर्म अवकाश का प्रविधान करने पर विचार नहीं किया है।

अब तक 50-50 लाख रुपये के 2,351 दावों का हुआ भुगतान

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया कि कोरोना के खिलाफ संघर्ष में योगदान देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा योजना के तहत अब तक 50-50 लाख रुपये के 2,351 दावों का भुगतान किया जा चुका है।

देशभर में बनाई गई प्रयोगशालाएं

इसी बीच भारती प्रवीण पवार ने पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि संक्रमणों की शुरुआती पहचान और निदान के लिए देशभर में वायरस अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं (वीआरडीएल) का एक नेटवर्क स्थापित करके सीरोलॉजी और आणविक नैदानिक के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।

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