खालिस्तान समर्थकों को जयशंकर की दो टूक, बोले- किसी ने झंडे का अनादर करने की कोशिश की तो और बड़ा लगाऊंगा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में लंदन कनाडा ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में कुछ घटनाएं देखी हैं... यह ऐसा भारत नहीं है जो अपने राष्ट्रीय ध्वज को किसी के द्वारा नीचे खींचे जाने को स्वीकार करेगा।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 02 Apr 2023 07:38 PM (IST)
बेंगलुरू, एएनआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को खालिस्तान समर्थकों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में बर्बरता की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ऐसा भारत नहीं है, जो अपने राष्ट्रीय ध्वज को किसी के द्वारा नीचे खींचे जाने को स्वीकार करेगा।
जयशंकर ने दिया सख्त संदेश
विदेश मंत्री ने धारवाड़ में बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की। दरअसल, भाजपा महानगर इकाई की ओर से धारवाड़ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
बकौल एजेंसी जयशंकर ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में कुछ घटनाएं देखी हैं... यह ऐसा भारत नहीं है, जो अपने राष्ट्रीय ध्वज को किसी के द्वारा नीचे खींचे जाने को स्वीकार करेगा।
उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई, तो हमारे उच्चायुक्त ने उससे भी बड़ा झंडा उस इमारत में लगा दिया। यह केवल वहां के तथाकथित खालिस्तान समर्थकों के लिए एक बयान नहीं था, यह अंग्रेजों के लिए भी एक बयान था कि अगर कोई इसका अनादर करने की कोशिश करेगा, तो मैं इसे (राष्ट्रीय ध्वज) और भी बड़ा कर दूंगा।
भारतीय उच्चायोग में लगाया गया था विशाल झंडा
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के पास करीब 2,000 प्रदर्शनकारी खालिस्तान के झंडे लहराते हुए दिखाई दिए थे। जिसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय उच्चायोग में एक विशाल झंडा लगाया गया था।इस दौरान करीब 2,000 प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने की भी कोशिश की थी। पुलिसकर्मियों पर पानी की बोतलें और स्याही भी फेंकीं थीं।
खालिस्तान समर्थकों ने 19 मार्च को भारतीय उच्चायोग में भारत के तिरंगे को नीचे उतारने की कोशिश की थी। साथ ही वहां पर तोड़फोड़ की थी। इस मामले में भारत ने अपराधियों की गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने की मांग करते हुए खालिस्तान तत्वों के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया था। जिसको लेकर दिल्ली में ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक तत्काल प्रभाव से तलब किया गया था।