अगर ट्रेन के ड्राइवर ने झपकी ली तो रुक जाएगी ट्रेन, पूर्वोत्तर रेलवे AI आधारित डिवाइस कर रहा विकसित
रेलवे बोर्ड ने जून में एनएफआर को एक ऐसा उपकरण विकसित करने के लिए कहा था जो पलक झपकने के आधार पर ट्रेन चालकों की सतर्कता का पता लगा सके। इस उपकरण को रेलवे चालक सहायता प्रणाली (आरडीएएस) के नाम से जाना जाएगा। यह उपकरण न केवल सतर्क करेगा बल्कि एक निश्चित अवधि के लिए चालक के सतर्कता खोने की स्थिति में आपातकालीन ब्रेक भी लगाएगा।
नई दिल्ली, पीटीआई: ट्रेन के ड्राइवर को अगर झपकी आ गई तो एक उपकरण अलर्ट कर देगा। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (एनएफआर) एआइ आधारित ऐसा उपकरण बना रहा है। यह उपकरण ड्राइवरों को अलर्ट करने या नींद आने पर ट्रेन रोकने में सक्षम होगा।
रेलवे बोर्ड ने जून में एनएफआर को एक ऐसा उपकरण विकसित करने के लिए कहा था, जो पलक झपकने के आधार पर ट्रेन चालकों की सतर्कता का पता लगा सके। इस उपकरण को रेलवे चालक सहायता प्रणाली (आरडीएएस) के नाम से जाना जाएगा। यह उपकरण न केवल सतर्क करेगा, बल्कि एक निश्चित अवधि के लिए चालक के सतर्कता खोने की स्थिति में आपातकालीन ब्रेक भी लगाएगा।
विकास के चरण में उपकरण
सूत्रों ने कहा कि आपातकालीन ब्रेक लगाने के लिए आरडीएएस को एक सतर्कता नियंत्रण उपकरण के साथ जोड़ा जाएगा। रेलवे के एक सूत्र ने कहा कि यह उपकरण अभी विकास के चरण में है। इसके उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण जारी हैं। एनएफआर की तकनीकी टीम इस पर काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि यह अगले कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगा।
आरडीएएस के विकास में आए तेजी
रेलवे बोर्ड ने दो अगस्त को एनएफआर को पत्र लिखा और आरडीएएस के विकास में तेजी लाने के लिए कहा है। इसमें यह भी कहा गया कि एक बार यह उपकरण तैयार हो जाने के बाद इसे पायलट परियोजना के तौर पर 20 मालगाड़ी इंजन (डब्ल्यूएजी9) और यात्री ट्रेन इंजन (डब्ल्यूएपी7) में लगाया जाएगा। रेलवे के सभी जोन से इस प्रणाली के इस्तेमाल के बाद इसकी कार्यप्रणाली पर अपनी प्रतिक्रिया भी देने को कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इसमें और सुधार किया जा सके।