ITR Mistakes: फाइल कर रहे हैं इनकम टैक्स रिटर्न तो इन गलतियों से बचें
इनकम टैक्स भरते समय अकसर कई गलतियां हो जाती हैं जो आगे चलकर आपके लिए मुसीबत का सबब बन जाती हैं।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Sun, 21 Jul 2019 08:35 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। वित्त वर्ष 2018-19 (Financial Year 2018-19) के लिए आइटीआर (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आपके लिए ये बेहद जरूरी है कि आप अपना रिटर्न समय पर फाइल करें। समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने के साथ-साथ उसे सही ढंग से भरना भी आपके लिए बेहद जरूरी है। इनकम टैक्स भरते समय अक्सर कई गलतियां हो जाती हैं, जो आगे चलकर आपके लिए मुसीबत का सबब बन जाती हैं। चलिए कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताते हैं, जिनसे इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको बचने की जरूरत है।
सभी आय का खुलासा न करना
सैलरी के अलावा आय के कई सोर्स हो सकते हैं। जैसे शेयर (Share), म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) को बेचने के बाद मिलने वाला फंड या बिजनेस से होने वाली आय। इनकम टैक्स के मुताबिक ये सब आपकी इनकम ही है। इसलिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न को भरते समय इन सभी इनकम का खुलासा करना बेहद जरूरी है। अगर रिटर्न फाइल करते समय आप अपनी सभी इनकम के सोर्स का खुलासा नहीं करते तो ये आपके लिए परेशानी खड़ी करने वाला साबित हो सकता है। अगर आपको रिटर्न फाइल करते समय दूसरी आय का खुलासा करना है तो आपको ITR 2 फार्म का इस्तेमाल करना होगा। आईटीआर देर से फाइल करना
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2019 है। अगर आप निर्धारित समय-सीमा के अंदर अपना रिटर्न नहीं भरते हैं तो आपको इसके लिए जुर्माना देना पड़ सकता है। बजट 2017 में समयसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया था। अब इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 234 (F) जोड़ दिया गया है। अगर आप 31 दिसंबर से पहले रिटर्न फाइल करते हैं तो 5 हजार और 1 जनवरी के बाद फाइल करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, अगर करदाता की कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना राशि 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगी।
सैलरी के अलावा आय के कई सोर्स हो सकते हैं। जैसे शेयर (Share), म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) को बेचने के बाद मिलने वाला फंड या बिजनेस से होने वाली आय। इनकम टैक्स के मुताबिक ये सब आपकी इनकम ही है। इसलिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न को भरते समय इन सभी इनकम का खुलासा करना बेहद जरूरी है। अगर रिटर्न फाइल करते समय आप अपनी सभी इनकम के सोर्स का खुलासा नहीं करते तो ये आपके लिए परेशानी खड़ी करने वाला साबित हो सकता है। अगर आपको रिटर्न फाइल करते समय दूसरी आय का खुलासा करना है तो आपको ITR 2 फार्म का इस्तेमाल करना होगा। आईटीआर देर से फाइल करना
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2019 है। अगर आप निर्धारित समय-सीमा के अंदर अपना रिटर्न नहीं भरते हैं तो आपको इसके लिए जुर्माना देना पड़ सकता है। बजट 2017 में समयसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया था। अब इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 234 (F) जोड़ दिया गया है। अगर आप 31 दिसंबर से पहले रिटर्न फाइल करते हैं तो 5 हजार और 1 जनवरी के बाद फाइल करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, अगर करदाता की कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना राशि 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगी।
टैक्स कटौतियों की पूरी जानकारी न होना
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के साथ-साथ ये भी बेहद जरूरी है कि आपको उस साल हुई टैक्स कटौतियों की पूरी जानकारी हो। इनकम टैक्स के तहत आप विभिन्न कटौतियों का इस्तेमाल करके अपने टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं। इसके लिए अपको सभी टैक्स कटौतियों के बारे में सही जानकारी होनी जरूरी है। बिना सही जानकारी के आप इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे और एक्स्ट्रा टैक्स भरने की गलती कर बैठेंगे। हमेशा सही जानकारी ही दें
बेहद जरूरी है कि आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय सही जानकारी ही भरें। गलत जानकारी देने पर आपको भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है। रिटर्न फाइल करते समय उन कटौतियों के बारे में सही जानकारी दें, जिनका आपने लाभ उठाया है। इनकम को कम बताने की गलती बिलकुल भी न करें। ऐसा करने पर आपको बचाए गए टैक्स पर 200 फीसदी जुर्माना देना पड़ेगा।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के साथ-साथ ये भी बेहद जरूरी है कि आपको उस साल हुई टैक्स कटौतियों की पूरी जानकारी हो। इनकम टैक्स के तहत आप विभिन्न कटौतियों का इस्तेमाल करके अपने टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं। इसके लिए अपको सभी टैक्स कटौतियों के बारे में सही जानकारी होनी जरूरी है। बिना सही जानकारी के आप इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे और एक्स्ट्रा टैक्स भरने की गलती कर बैठेंगे। हमेशा सही जानकारी ही दें
बेहद जरूरी है कि आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय सही जानकारी ही भरें। गलत जानकारी देने पर आपको भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है। रिटर्न फाइल करते समय उन कटौतियों के बारे में सही जानकारी दें, जिनका आपने लाभ उठाया है। इनकम को कम बताने की गलती बिलकुल भी न करें। ऐसा करने पर आपको बचाए गए टैक्स पर 200 फीसदी जुर्माना देना पड़ेगा।
फार्म 26AS पर नजर बनाए रखना
फार्म 26AS में आपके इनकम में से काटे गए टीडीएस (TDS) की संक्षिपत जानकारी होती है। अगर आपने अपनी इनकम पर टैक्स चुकाया है या आपको हुई कमाई पर किसी संस्था ने टैक्स काटा है तो इन सबका रिकॉर्ड आपको फॉर्म 26AS में मिल जाएगा। आपने अगर ज्यादा टैक्स चुका दिया है और आप रिफंड फाइल करना चाहते हैं तो इसकी भी जानकारी फॉर्म 26AS में उपलब्ध होती है। आसान शब्दों में कहें तो फॉर्म 26AS आपके हर तरह के टैक्स का सालाना स्टेटमेंट है। आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से अपना फॉर्म 26AS निकाल सकते हैं।टैक्स रिटर्न फाइल करना एक जटिल प्रक्रिया है। सही तैयारियों और सही जानकारी के साथ आप इन तमाम गलतियों से बच सकते हैं। अगर आपसे कोई गलती हो भी गई तो इसे आप बाद में सुधार सकते हैं। इसके लिए आप बाद में एक सुधारा हुआ ITR फाइल कर सकते हैं। कोशिश करें कि आखिरी तरीख से पहले ही रिटर्न फाइल कर दें।
फार्म 26AS में आपके इनकम में से काटे गए टीडीएस (TDS) की संक्षिपत जानकारी होती है। अगर आपने अपनी इनकम पर टैक्स चुकाया है या आपको हुई कमाई पर किसी संस्था ने टैक्स काटा है तो इन सबका रिकॉर्ड आपको फॉर्म 26AS में मिल जाएगा। आपने अगर ज्यादा टैक्स चुका दिया है और आप रिफंड फाइल करना चाहते हैं तो इसकी भी जानकारी फॉर्म 26AS में उपलब्ध होती है। आसान शब्दों में कहें तो फॉर्म 26AS आपके हर तरह के टैक्स का सालाना स्टेटमेंट है। आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से अपना फॉर्म 26AS निकाल सकते हैं।टैक्स रिटर्न फाइल करना एक जटिल प्रक्रिया है। सही तैयारियों और सही जानकारी के साथ आप इन तमाम गलतियों से बच सकते हैं। अगर आपसे कोई गलती हो भी गई तो इसे आप बाद में सुधार सकते हैं। इसके लिए आप बाद में एक सुधारा हुआ ITR फाइल कर सकते हैं। कोशिश करें कि आखिरी तरीख से पहले ही रिटर्न फाइल कर दें।