अब मेडिकल साइंस में भी AI की एंट्री, IIT गुवाहाटी का ये मॉडल लगाएगा गठिया का सटीक अनुमान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक डीप लर्निंग (डीएल)-आधारित ढांचा विकसित किया है जो एक्स-रे छवियों से गठिया (घुटने के आस्टियोआर्थराइटिस) की गंभीरता का स्वचालित रूप से आकलन करता है। एआई-आधारित मॉडल जिसका नाम ओस्टियोएचआरनेट है का उपयोग बीमारी की गंभीरता के स्तर का पता लगाने और अधिक सटीक निदान के लिए चिकित्सा चिकित्सकों की सहायता करने के लिए किया जा सकता है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 10 Jul 2023 10:17 PM (IST)
गुवाहटी, एएनआई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक डीप लर्निंग (डीएल)-आधारित ढांचा विकसित किया है, जो एक्स-रे छवियों से गठिया (घुटने के आस्टियोआर्थराइटिस) की गंभीरता का स्वचालित रूप से आकलन करता है।
ओस्टियोएचआरनेट है एआई-आधारित मॉडल का नाम
एआई-आधारित मॉडल, जिसका नाम ओस्टियोएचआरनेट है, का उपयोग बीमारी की गंभीरता के स्तर का पता लगाने और अधिक सटीक निदान के लिए चिकित्सा चिकित्सकों की सहायता करने के लिए किया जा सकता है।
आईआईटी गुवाहाटी ने क्या कहा?
आईआईटी गुवाहाटी ने एक बयान में कहा कि ''दूसरों की तुलना में हमारा मॉडल घुटने के आस्टियोआर्थराइटिस की गंभीरता के स्तर को तय करने के लिए उस क्षेत्र को इंगित कर सकता है जो चिकित्सकीय रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। इस मॉडल से चिकित्सकों को शुरुआती चरण में बीमारी का सटीक पता लगाने में मदद मिलती है।''भारत में 28 प्रतिशत है गठिया का प्रसार
बता दें कि गठिया दुनिया में सबसे आम बीमारी है और भारत में इसका प्रसार 28 प्रतिशत है। घुटने के पुराने आस्टियोआर्थराइटिस का उन्नत चरण में संपूर्ण जोड़ प्रतिस्थापन के अलावा कोई संभावित इलाज नहीं है। नियमित निदान के लिए एक्स-रे इमेजिंग बहुत प्रभावी और आर्थिक रूप से अधिक व्यवहारिक है।