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सितंबर-अक्टूबर के आसपास आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, IIT कानपुर ने अभी से चेताया

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आइआइटी कानपुर ने लोगों को पहले से ही आगाह कर दिया है। आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा द्वारा अपनी टीम के साथ किए गए अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 21 Jun 2021 11:20 PM (IST)
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देश में अभी कोरोना की सकारात्मकता दर 5 फीसद से कम
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना महामारी से हर कोई परेशान है। कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है। वहीं, अब एक बार फिर कोरोना की तीसरी लहर के आने का अनुमान जताया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आइआइटी कानपुर ने लोगों को पहले से ही आगाह कर दिया है। आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा द्वारा अपनी टीम के साथ किए गए अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर के आसपास आ सकती है।

कोरोना के तीसरी लहर का अनुमान जताते हुए इन प्रोफेसरों ने कहा कि इसको लेकर लोगों के बीच चिंता का माहौल है। इसके लिए एसआइआर मॉडल का इस्तेमाल करते हुए हमने दूसरी लहर के दौरान महामारी के पैरामीटर के आधार पर संभावित तीसरी लहर को लेकर तीन परिदृश्य तैयार किए हैं। हम मान लेते हैं कि भारत 15 जुलाई को पूरी तरह से अनलॉक हो गया है।

परिदृश्य-1 (बैक टू नॉर्मल): अक्टूबर में तीसरी लहर पीक पर होगी, लेकिन दूसरी लहर की तुलना में यह कम होगी।

परिदृश्य-2 (वायरस म्यूटेशन के साथ सामान्य): इसका पीक दूसरी लहर से ज्यादा ऊंचा होगा और यह पहले ही आ सकता है (सितंबर में)।

परिदृश्य-3 (सख्त पाबंदियां जारी): सख्त शारीरिक दूरी के पालन से तीसरी लहर का चरम अक्टूबर के आखिर तक टल सकता है। यहां पीक दूसरी लहर से कम होगा।  

बता दें कि प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा ने आईआईटी कानपुर में अपनी टीम के साथ covid19-forecast.org पर भारत में आने वाले कोरोना मामलों का पूर्वानुमान बताते हैं। आइआइटी कानपुर टीम के आकलन के अनुसार, कुछ पूर्वोत्तर राज्यों (मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम आदि) को छोड़कर लगभग हर राज्य में दूसरी लहर काफी कम हो गई है।

देश में कोरोना की मौजूदा सकारात्मक दर 5 फीसद से कम

अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादातर कोरोना की मौजूदा सकारात्मकता दर 5 फीसद से कम है लेकिन केरल, गोवा, सिक्किम और मेघालय में अभी भी सकारात्मकता दर 10 फीसद से अधिक है। भारत की औसत दैनिक मामलों की संख्या में काफी कमी आई है। 19 जून तक, यह लगभग 4 लाख के शिखर की तुलना में 63,000 है। अधिकांश राज्यों में दैनिक परीक्षण सकारात्मकता दर (TPR) डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित स्तर (5 फीसद) से कम है। हालांकि, केरल, गोवा, सिक्किम, मेघालय में अभी भी उच्च दैनिक टीपीआर 10 फीसद से अधिक है।

अध्ययन के अनुसार, भारत की दैनिक केस घातक दर (सीएफआर) हाल ही में बढ़कर 3.5 फीसद हो गई है, लेकिन दूसरी लहर का संचयी सीएफआर पहली लहर के बराबर है। अध्ययन में कहा गया है कि वर्तमान के मॉडल में टीकाकरण शामिल नहीं है, जिससे आने वाली लहर में काफी कमी आनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण के साथ संशोधित मॉडल और उसी पर हाल के आंकड़ों के साथ और अध्ययन किया जा रहा है।