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IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने विकसित किया खास कृत्रिम न्यूरान, AI को और बनाएगा सक्षम

र्आआईटी दिल्‍ली के प्रोफेसर डॉक्‍टर मनन सूरी ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिससे आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस की राह और अधिक आसान हो जाएगी। उनका ये शोध अंतरराष्‍ट्रीय जर्नल में पब्लिश भी हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 11:51 AM (IST)
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक नई कामयाबी

नई दिल्ली (आएसडब्ल्यू)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के क्षेत्र में दुनिया भर में नित नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए भारतीय शोधकर्ताओं को एक बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली के शोधकर्ताओं ने अपने ताजा अध्ययन में मस्तिष्क से प्रेरित एक ऐसा कृत्रिम न्यूरान विकसित किया है, जो एक सटीक और कुशल न्यूरोमार्फिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली के निर्माण में उपयोगी हो सकता है।

न्यूरोमार्फिक कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के उस क्षेत्र को संदर्भित करता है, जहां इंजीनियर मानव मस्तिष्क के काम से प्रेरित बुद्धिमान मशीनों के निर्माण की कोशिश करते हैं। यह माना जाता है कि मस्तिष्क के भीतर बुद्धि को बढ़ाने वाले सबसे महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लाक्स न्यूरान और सिनेप्स होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध की अंतर्विषयक प्रकृति होने के कारण यह एआइ, न्‍यूरोमार्फिक हार्डवेयर और नैनो इलेक्ट्रानिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ता है।

आइआइटी, दिल्ली के इलेक्टिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनन सूरी के नेतृत्व में विकसित किए गए इस नए ‘स्पाइकिंग’ न्यूरान माडल का नाम डीईएक्सएटी (डबल एक्सपोनेंशल अडैप्टिव थ्रेशोल्ड न्यूरान) रखा गया है। यह शोध महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्पीच रेकोग्निशन जैसे वास्तविक अनुप्रयोगों के लिए सटीक, तेज और ऊर्जा-कुशल न्‍यूरोमार्फिक एआइ सिस्टम बनाने में प्रयुक्त हो सकता है। नए विकसित किए गए कृत्रिम न्यूरान की विशेषताओं में न्‍यूरोमार्फिक प्रोसेसिंग के लिए डीईएक्सएटी नामक नया मल्टी टाइम स्केल स्पाइकिंग न्यूरान माडल शामिल है।

इस अध्ययन में, उभरती नैनो इलेक्ट्रानिक डिवाइस पर आधारित नए न्यूरान माडल का कुशल हार्डवेयर प्रदर्शन एवं रीयल-टाइम स्पेटिओ टेंपोरल न्‍यूरोमार्फिक प्रोसेसिंग का सफल हार्डवेयर प्रदर्शन किया गया है। प्रोफेसर मनन सूरी ने बताया है कि ‘हम सेमीकंडक्टर मेमोरी प्रौद्योगिकी के सभी पहलुओं और अकादमिक एवं औद्योगिक भगीदारी के साथ इसके उभरते अनुप्रयोगों पर व्यापक शोध कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो में हमने सरल भंडारण से परे मेमोरी टेक्नोलाजी के अनेक नए-नए उपयोगों को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है। इन-मेमोरी-कंप्यूटिंग, न्‍यूरोमार्फिक -कंप्यूटिंग, एज-एआइ, सेंसिंग और हार्डवेयर-सुरक्षा जैसे अनुप्रयोगों के लिए सेमीकंडक्टर मेमोरी का कुशलतापूर्वक उपयोग किया गया है। यह शोध विशेष रूप से एडेप्टिव स्पाइकिंग न्यूरांस के निर्माण के लिए नैनो स्केल आक्साइड-आधारित मेमोरी डिवाइस एनालाग गुणों का उपयोग करता है।’

कम न्यूरांस के साथ उच्च प्रदर्शन: इस शोध के माध्यम से मौजूदा आधुनिक एडाप्टिव थ्रेशोल्ड स्पाइकिंग न्यूरांस की तुलना में अधिक सटीक, तेज अभिसरण और कुशल हार्डवेयर कार्यान्वयन में लचीला स्पाइकिंग न्यूरान माडल प्रदर्शित किया गया है। नया समाधान कम न्यूरांस के साथ उच्च प्रदर्शन प्राप्त करता है। इससे संबंधित लाभ कई डाटा सेट पर दिखाए गए हैं। गूगल स्पोकन कमांड डाटासेट पर 91 फीसद की वर्गीकरण सटीकता हासिल की गई है। इस शोध कार्य पर एक पेटेंट भी दायर किया गया है।

दिखे अच्छे परिणाम : यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित किया गया है। इस शोध कार्य में प्रोफेसर मनन सूरी के अलावा दो अन्य शोधार्थी अहमद शाबान और साई सुक्रुथ बेजुगम शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने एक हाइब्रिड नैनो डिवाइस आधारित हार्डवेयर का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। अत्याधिक डिवाइस परिवर्तनशीलता के साथ भी प्रस्तावित नैनो-डिवाइस न्‍यूरोमार्फिक नेटवर्क ने 94 फीसद सटीकता प्राप्त की, जिससे इसकी मजबूती का संकेत मिलता है।

मनन सूरी की इस कामयाबी को आइआइटी दिल्‍ली ने ट्वीट भी किया है। उनकी इस कामयाबी पर आइआइटी के डायरेक्‍टर वी रामगोपाल राव ने ट्वीट कर बधाई भी दी है।