Weather: पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक मानसून अभी भी सक्रिय, बिहार और बंगाल में भारी बारिश का अलर्ट
उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर उत्तर पूर्व भारत तक मानसून के लौटने से पहले तेज वर्षा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने शुक्रवार को कई जिलों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।हिमाचल में बादल फटने से एक शख्स की जान चली गई। बिहार में अगले 24 के लिए भारी वर्षा को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर उत्तर पूर्व भारत तक मानसून के लौटने से पहले तेज वर्षा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हिमाचल में एक सप्ताह मौसम साफ रहने के बाद बुधवार देर रात बादल फटने से एक व्यक्ति की जान चली गई। जबकि फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड में भी वर्षा और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं। इसके अलावा बिहार और सिक्किम में भी वर्षा के चलते दुश्वारियां बनी हुई हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने शुक्रवार को कई जिलों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।
सिरमौर में बादल फटा, एक व्यक्ति की मौत
हिमाचल में बुधवार रात और गुरुवार सुबह भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। पांवटा साहिब के कांडो कंसार के जंगल में बुधवार रात करीब एक बजे बादल फटने के बाद पानी के साथ भारी मलबा पड़दूनी गांव तक पहुंच गया। यहां पर लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर जान बचाई।मलबे के कारण यहां करीब 500 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। पंचभइया के खड्ड में भी बाढ़ आने से 1000 बीघा में धान की फसल नष्ट हुई है। वहीं, बाता नदी का जलस्तर बढ़ गया और पुल को छू लिया।
गिरी नदी का जलस्तर बढ़ने से गुरुवार सुबह 4:12 बजे जटोन बैराज के चार फ्लड गेट खोल दिए। सिरमौर जिले के धौलाकुआं में 24 घंटे के दौरान सितंबर में वर्ष 2010 से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अब तक की सबसे अधिक 275 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
बदरीनाथ हाईवे पर 10 किमी लंबा जाम
उत्तराखंड में भारी वर्षा के चलते बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार को खांकरा और नरकोटा के बीच भूस्खलन होने से लगभग 10 किमी लंबा जाम लग गया। पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने से हाईवे लगभग 11 घंटे तक अवरुद्ध रहा। इस दरमियान लगभग 900 वाहनों में 5,000 से अधिक यात्री फंसे रहे। चटवापीपल और कमेड़ा में भी भूस्खलन के चलते पांच घंटे तक हाईवे पर आवाजाही बाधित रही। इससे दोनों ओर 500 से अधिक वाहनों में लगभग 2,000 यात्री और स्थानीय लोग फंस गए।
पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण मलबा हटाने में खासी दिक्कतें आईं। कई स्थानों पर दुकानें नहीं होने से यात्रियों को खाने का सामान और पानी तक नसीब नहीं हुआ। दूध, सब्जी व अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं के वाहन जाम में फंसने से आसपास के क्षेत्रों में इनकी समय पर आपूर्ति नहीं हो पाई। पिथौरागढ़ में तवाघाट हाईवे तीन स्थानों पर मलबा आने से आठ घंटे बंद रहा। इसकी वजह से 28 कैलास यात्री भी फंसे रहे।
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