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Heatwave In Northeast: भीषण गर्मी की चपेट में पूर्वोत्तर भारत, टूटे कई रिकॉर्ड; उम्मीदों की बारिश का इंतजार

देश में इन दिनों तापमान काफी अधिक रह रहा है जिस वजह से भीषण गर्मी पड़ रही है। पूर्वोत्तर भारत में जहां अप्रैल से मई के बीच बारिश होती थी वहीं इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। Photo- Jagran Graphics

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 21 Apr 2023 07:18 PM (IST)
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भीषण गर्मी की चपेट में पूर्वोत्तर भारत, टूटे कई रिकॉर्ड।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश में इन दिनों तापमान काफी अधिक रह रहा है, जिस वजह से भीषण गर्मी पड़ रही है। खासकर पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल महीने में ही गर्मी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इन इलाकों में जहां अप्रैल से मई के बीच बारिश होती थी, वहीं इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इस वर्ष इन क्षेत्रों में इस महीने होने वाली बारिश में काफी कमी दर्ज की गई है।

त्रिपुरा में भीषण गर्मी

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 15 से 19 अप्रैल के बीच 38 से 39.3 डिग्री सेल्सियस के बीच अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। अगरतला में 30 अप्रैल, 1960 को 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड है। अगरतला में अप्रैल में औसत दैनिक तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज होने चाहिए, जबकि इससे अधिक दर्ज हुआ है।

मेघालय में तापमान में वृद्धि

मेघालय की राजधानी शिलांग में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 29.1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। मालूम हो कि शिलांग के लिए रिकॉर्ड 30.2 डिग्री सेल्सियस है, जो 5 अप्रैल, 1973 को दर्ज किया गया था। वहीं, अप्रैल में शिलांग के लिए औसत दैनिक तापमान केवल 23.4 डिग्री सेल्सियस है।

मणिपुर में गर्मी से नहीं मिल रही राहत

मणिपुर की राजधानी इंफाल में अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। इंफाल में उच्चतम तापमान 9 अप्रैल, 1999 को 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंफाल का दैनिक अधिकतम औसत तापमान केवल 29 डिग्री सेल्सियस है।

बंगाल-बिहार में गर्मी से हाल बेहाल

इसके साथ ही, उत्तर भारत में भी तापमान ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। आईएमडी के अनुसार, 15 अप्रैल से 19 अप्रैल के बीच बंगाल की राजधानी कोलकाता का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से 41.6 डिग्री सेल्सियस के बीच था। कोलकाता का अप्रैल का उच्चतम तापमान 25 अप्रैल, 1954 को 42.8 डिग्री सेल्सियस था।

वहीं, बिहार में अधिकतम तापमान ने लोगों को अपना भीषण रूप दिखाया है। पटना में 15 से 19 अप्रैल के बीच 41.6 डिग्री सेल्सियस से 44.1 डिग्री सेल्सियस के बीच अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। मालूम हो कि पटना में 29 अप्रैल, 1980 को उच्चतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कम बारिश की वजह से तापमान में हो रही वृद्धि

हालांकि, ऐसी स्थिति के बावजूद भी आईएमडी ने हीटवेव की बात नहीं कही है। आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र के मुताबिक, पूर्वोत्तर भारत में हीटवेव की स्थिति नहीं है, लेकिन अधिकतम तापमान बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर, पूर्वोत्तर भारत में इस महीने के दौरान अक्सर गरज के साथ बारिश होती है, इसलिए तापमान में वृद्धि नहीं होती है, लेकिन इस बार आंधी की गतिविधि कम है और जमीन पूरी तरह सूख गई है, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है।

इन राज्यों में वर्षा में कमी दर्ज

बता दें कि एक मार्च से शुरू होने वाले प्री-मॉनसून सीज़न में नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में 34 प्रतिश बारिश की कमी आई है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में 52 प्रतिशत, असम और मेघालय में 16 प्रतिशत वर्षा की कमी है। आईएमडी के अनुसार, गंगीय बंगाल में पिछले नौ दिनों से, तटीय आंध्र प्रदेश में सात दिनों से, बिहार में छह दिनों से और ओडिशा में चार दिनों से हीट वेव की स्थिति बनी हुई है।