भ्रष्टाचार से आजिज हो चुके आम लोगों को लोकपाल के रूप में एक ऐसा हथियार मिल गया है जिसका इस्तेमाल बेईमान अफसरों और नेताओं की गिरेबां पकड़ने के लिए आसानी से किया जा सकता है। लोकपाल कानून में एक छोटे सरकारी कर्मचारी से लेकर प्रधानमंत्री तक जांच में दायरे में होंगे। यदि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ पुख्ता सबूत हो तो लोकपाल के पास सीधा शिकायत की जा सकती है। अगर लोकपाल को तथ्यों में दम नजर आया तो वह सीबीआइ और सीबीसी को जांच के लिए कह
By Edited By: Updated: Thu, 19 Dec 2013 01:38 PM (IST)
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से आजिज हो चुके आम लोगों को लोकपाल के रूप में एक ऐसा हथियार मिल गया है जिसका इस्तेमाल बेईमान अफसरों और नेताओं की गिरेबां पकड़ने के लिए आसानी से किया जा सकता है। लोकपाल कानून में एक छोटे सरकारी कर्मचारी से लेकर प्रधानमंत्री तक जांच में दायरे में होंगे। यदि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ पुख्ता सबूत हो तो लोकपाल के पास सीधा शिकायत की जा सकती है। अगर लोकपाल को तथ्यों में दम नजर आया तो वह सीबीआइ और सीबीसी को जांच के लिए कह सकता है। आइए जानते हैं लोकपाल कानून की क्या खासियतें हैं :-
पढ़ें : लोकपाल की लंबी कवायद 1. केंद्रीय स्तर पर एक लोकपाल होगा और हर राज्य में एक-एक लोकायुक्त। 2. लोकपाल में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्य होंगे।
3. लोकपाल के आधे सदस्य एससी, एसटी, ओबीसी, महिला और अल्पसंख्यक समुदाय के होंगे। 4. लोकपाल का चयन प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, एक जज, राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत प्रमुख न्यायविद की कमेटी करेगी।
5. कुछ शर्तो के साथ प्रधानमंत्री भी लोकपाल के दायरे में होंगे। 6. जो एजेंसियां मामले की जांच करेगी उसकी निगरानी के साथ-साथ निर्देश देने का भी अधिकार भी लोकपाल के पास होगा। 7. जांच में शामिल अधिकारियों का तबादला लोकपाल की अनुमति से ही संभव। 8. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति करेगी। 9. लोकपाल कानून में ईमानदार नौकरशाहों को संरक्षण दिया गया है। 10. इसमें भ्रष्ट तरीके से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी है। 11. विदेश से एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा दान पाने वाली संस्थाओं को जांच के दायरे में रखा गया है। 12. इसमें गलत शिकायत करने वाले को सजा और अर्थदंड का भी प्रावधान है। 13. लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में हर श्रेणी के सरकारी कर्मचारी आएंगे। 14. सीबीआइ में अभियोजन निदेशक की नियुक्ति सीवीसी की सिफारिश पर होगी। 15. प्रारंभिक जांच और मुकदमा पूरा करने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय है। मुकदमा चलाने के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है।
पढ़ें : अन्ना ने दिखा दी आम आदमी की ताकत लोकपाल कानून के पांच बड़े फायदे : 1. महंगाई पर लगाम लगेगी। 2. पूरा धन लोककल्याणकारी कार्यो में खर्च होगा। 3. लोगों का फाइलों में नहीं अटकेगा काम। 4. देश की छवि अच्छी होगी जिससे विदेश निवेश बढ़ेगा। 5. शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आएगी।
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