Indo-Pak Talks : भारत-पाक के बीच सिंधु जल बंटवारे पर आज से होगी अहम बैठक, पुलवामा कांड के बाद बंद थी वार्ता
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर मंगलवार से स्थायी आयोग की बैठक होगी। यह बैठक तीन साल बाद होने जा रही है। दोनों देशों के बीच 1960 की जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की गई थी।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 23 Mar 2021 07:00 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर मंगलवार से स्थायी आयोग की बैठक होगी। यह बैठक तीन साल बाद होने जा रही है। यह जानकारी दोनों पक्षों की ओर से सोमवार को दी गई। उल्लेखनीय है 2019 में पुलवामा कांड के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर बातचीत एकदम बंद हो गई थी। इसके बाद दोनों देश कल सिंध जल बंटवारे को लेकर बैठक करेंगे।
1960 की जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापनागौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 1960 की जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की गई थी। इस आयोग की नई दिल्ली में 23 मार्च और 24 मार्च को बैठक होने जा रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि संधि के अनुसार इस आयोग की साल में कम से कम एक बार बैठक कराने की बात तय की गई थी।
दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलना शुरू इस आयोग की जिम्मेदारी दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के उचित वितरण की निगरानी करना है। आयोग की इस बैठक में पाकिस्तान, भारत की पाकल दुल और लोवर कलनई हाइड्रो इलेक्टि्रक प्लांट की डिजाइन पर आपत्ति व्यक्त करेगा। उल्लेखनीय है 2019 में पुलवामा कांड के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर बातचीत एकदम बंद हो गई थी। इसी क्रम में सिंधु जल आयोग की बैठक भी नहीं हो सकी, लेकिन मंगलवार से जल बंटवारे पर बातचीत का दौर शुरू होने से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलनी शुरू हो जाएगी। हालांकि दोनों देशों की सरकारें पिछले कुछ हफ्तों से संबंध सामान्य बनाने के प्रयास कर रही हैं।
युद्ध विराम का उल्लंघन न करने पर बनी सहमतिसीमा पर शांति बनाए रखने के लिए युद्ध विराम का उल्लंघन न करने पर बनी सहमति उसी कवायद का हिस्सा है। इस संबंध में भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि पाकल दुल और लोवर कलनाई परियोजना सिंधु जल समझौते के अनुरूप ही हैं। पाकिस्तान को यदि इन पर आपत्ति है तो हम उनसे चर्चा करेंगे। हम आपसी सहमति और सौहार्द के सिद्धांत में विश्वास रखते हैं।