महामारी से निपटने की तैयारी को लेकर सतर्क रहना जरूरी: मांडविया
मंडविया ने कहा कि केंद्र सरकार एनसीडीसी के माध्यम से संक्रामक रोगों की निगरानी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीडीसी की ये शाखाएं क्रीमियन-कांगो रक्तस्त्रावी बुखार (सीसीएचएफ) क्यासानूर फारेस्ट डीजीज (केएफडी) और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों से निपटने में मदद करेंगी। एनसीडीसी और बीएसएल-3 प्रयोगशाला की राज्य शाखाएं जब काम करने लगेंगी तब उच्च जोखिम वाली बीमारियों को फैलने से रोकने की इन क्षेत्रों/राज्यों की क्षमता बढ़ेगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि महामारी से निपटने की तैयारी और सतर्कता मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली का आधार है। उन्होंने कहा कि समय पर निगरानी और बीमारी का पता लगाने के लिए हमें अपने कौशल को मजबूत करना होगा।
मांडविया ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) से आनलाइन माध्यम से असम में एनसीडीसी की क्षेत्रीय शाखा, छह राज्यों (हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, बंगाल और मिजोरम) में राज्य शाखाओं और दो राज्यों (हिमाचल प्रदेश और झारखंड) में बीएसएल-3 प्रयोगशालाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में एनसीडीसी की क्षेत्रीय शाखा का उद्घाटन भी किया।
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इस दौरान मंडविया ने कहा कि केंद्र सरकार एनसीडीसी के माध्यम से संक्रामक रोगों की निगरानी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीडीसी की ये शाखाएं क्रीमियन-कांगो रक्तस्त्रावी बुखार (सीसीएचएफ), क्यासानूर फारेस्ट डीजीज (केएफडी) और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों से निपटने में मदद करेंगी। एनसीडीसी और बीएसएल-3 प्रयोगशाला की राज्य शाखाएं जब काम करने लगेंगी तब उच्च जोखिम वाली बीमारियों को फैलने से रोकने की इन क्षेत्रों/राज्यों की क्षमता बढ़ेगी।
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