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65 सालों में भारत में 43 फीसदी बढ़ी मुसलमानों की आबादी, 7.82 प्रतिशत घट गए हिंदू

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है वहीं हिंदू ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव का अध्ययन किया है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 09 May 2024 10:20 AM (IST)
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प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने देश में हिंदू और मुसलमानों की आबादी को लेकर रिपोर्ट पेश किया।(फोटो सोर्स: जागरण)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसद घट गई। वहीं इसी बीच मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई। हिंदुओं की आबादी घटने का सिलसिला पड़ोसी हिंदू बहुल नेपाल में देखने को मिला है। साथ ही म्यांमार में भी बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में गिरावट आई है।

अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई

इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है, वहीं हिंदू, ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है।

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव का अध्ययन किया है। परिषद ने इसी महीने यह रिपोर्ट जारी की है। इन देशों में बहुसंख्यक उन्हें माना गया है, जिनकी आबादी 75 फीसद से अधिक है।

मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में 65 सालों में बहुसंख्यकों की आबादी में 22 फीसद की कमी आई है। लेकिन यह सिलसिला मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पर लागू नहीं होता है। मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है। रिपोर्ट का उद्देश्य किसी देश की जनसांख्यिकी परिवर्तन का वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर पड़ने वाले असर का आकलन है।

बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट

दक्षिण एशियाई देशों में 65 साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में 64.28 से बढ़कर 67.65 फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह 71.44 फीसद से बढ़कर 84.07 फीसद पहुंच गई।

जबकि भारत में हिंदू आबादी में कमी का सिलसिला नेपाल में भी देखा गया और वहां हिंदुओं की संख्या 84.30 फीसद से घटकर 81.26 फीसद तक पहुंच गई। भारत में मुसलमानों के साथ ही ईसाई और सिख अल्पसंख्यक की आबादी में क्रमश: 5.38 फीसद और 6.58 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में भी आई गिरावट 

वहीं पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में कमी दर्ज की गई। पड़ोसी पाकिस्तान में 1950 में 77.45 फीसद मुस्लिम आबादी थी, जो 2015 में बढ़कर 80.36 फीसद पहुंच गई। मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली, दो 65 सालों में 74.24 से बढ़कर 88.02 फीसद तक पहुंच गई।

अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई। दक्षिण एशिया में अकेले मालदीव में मुस्लिम आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, जो 99.83 फीसद से घटकर 98.36 फीसद पर आ गई है।

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