केरल में कुदरत का कहर: 87 साल बाद हुई ऐसी बारिश, यूएई ने की 700 करोड़ रुपये की पेशकश
केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की है।
By Tilak RajEdited By: Updated: Tue, 21 Aug 2018 01:31 PM (IST)
पुणे, जेएनएन। केरल पर बादल कहर बनकर बरस रहे हैं। अगस्त के महीने में बारिश का ऐसा कहर केरल के लोगों ने 87 साल पहले यानि 1931 में देखा था। भारतीय मौसम विभाग ने इस बात की जानकारी दी। केरल में 1 अगस्त से 20 अगस्त के बीच 771 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे जनजीवन का भारी नुकसान हुआ है। हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि केरल कैबिनेट ने बाढ़ के बाद केरल के राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण पर चर्चा के लिए 30 अगस्त को एक विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए राज्यपाल को सिफारिश करने का फैसला किया है।
मौसम विभाग के क्लाइमेट डाटा मैनेजमेंट एंड सर्विसेज के प्रमुख पुलक गुहा ठाकुरता के मुताबिक, केरल पर अगस्त के महीने में बारिश का ऐसा कहर 1931 में आया था, तब 1132 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। बताया जा रहा है कि तब भी केरल में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा था।
केरल में अगस्त के महीने में 87 साल बाद इतनी भारी बारिश हुई है, इसलिए किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि बादल इतने जमकर बरसने वाले हैं। दरअसल, इस साल अगस्त में हुई बारिश आमतौर पर होने वाली बारिश से ढाई गुना ज्यादा है। इडुक्की जिले में इस महीने बारिश का पिछले 111 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इस जिले में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही हुई है। अगस्त में यहां अब तक 1,419 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इससे पहले 1907 में इडुक्की में 1,387 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।
आमलोग तो इस बार भी ये मानकर चल रहे थे कि मानसून पिछले कई सालों की तरह हल्का रहेगा। वहीं मौसम विभाग भी यह अनुमान नहीं लगा पाया कि केरल में इस बार बादल इतना जमकर बरसेंगे। पुलक गुहाठाकुरता कहते हैं, 'केरल में 1875 से लेकर 2017 तक मानसून के दौरान बारिश का घटता ट्रेंड देखने को मिला है। पिछले कुछ सालों के दौरान इसका उल्टा हुआ। यही वजह है कि राज्य ने इतनी भारी बारिश की संभावना नहीं जताई गई थी।'
केंद्र सरकार ने केरल की बाढ़ को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। अब तक केरल में बारिश और बाढ़ में 350 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले एक सप्ताह में बाढ़, बारिश और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान को देख यह निर्णय लिया गया। जब किसी आपदा को दुर्लभ गंभीर/गंभीर प्रकृति का घोषित किया जाता है तो राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर मदद दी जाती है। केंद्र राष्ट्रीय आपदा कोष से भी अतिरिक्त मदद देने पर विचार कर रहा है। केरल में रविवार को बारिश थमने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली है, लेकिन अभी भी उनकी कठिनाई जस की तस है। सभी जिलों में जिलाधिकारी व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं।बारिश से राहत के बाद सभी जिलों में जारी किया गया रेड अलर्ट वापस ले लिया गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश से राहत का दावा किया है। इसके बाद भी राज्य में जान-माल का जो नुकसान हुआ है, उससे केरल और वहां के लोगों का जीवन पटरी पर लौटने में काफी समय लग सकता है।