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पिछले पांच सालों में IIT, IIM सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में 98 छात्रों ने की आत्महत्या: सरकार

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि पिछले चार वर्षों में सामने आए आत्महत्या के अधिकांश मामले इंजीनियरिंग संस्थानों से थे। वहीं एक अन्य प्रश्न के जवाब में सुभाष सरकार ने कहा कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों आईआईटी एनआईटी और आईआईएम सहित उच्च शिक्षा संस्थानों से 32 हजार से अधिक छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 27 Jul 2023 06:08 PM (IST)
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पिछले पांच सालों में उच्च शिक्षण संस्थानों में 98 छात्रों ने की आत्महत्या (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और आईआईएसईआर सहित उच्च शिक्षा संस्थानों में पिछले पांच वर्षों में 98 छात्रों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2023 में अबतक उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के 20 मामले सामने आ चुके हैं।

इनमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नौ और आईआईटी के सात मामले शामिल हैं। यह डाटा केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्य सभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में साझा किया।

क्या कुछ बोले सुभाष सरकार?

मंत्री ने बताया कि पिछले चार वर्षों में सामने आए आत्महत्या के अधिकांश मामले इंजीनियरिंग संस्थानों से थे। वहीं, एक अन्य प्रश्न के जवाब में सुभाष सरकार ने कहा कि

2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम सहित उच्च शिक्षा संस्थानों से 32 हजार से अधिक छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी।

इनमें से आधे से अधिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से थे। इसके अलावा, इनमें से अधिकांश छात्र स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों में थे।

किन छात्रों ने छोड़ी पढ़ाई?

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि पढ़ाई छोड़ने वालों में सबसे ज्यादा 17,454 छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालयों से हैं, इसके बाद आईआईटी से 8,139, एनआईटी से 5,623, आईआईएसईआर से 1,046 छात्रों से पढ़ाई छोड़ी है।

इस राज्य के छात्र सबसे ज्यादा छोड़ते हैं स्कूल

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, माध्यमिक विद्यालय स्तर पर ओडिशा में छात्रों की स्कूल छोड़ने दर सबसे अधिक है, इसके बाद मेघालय और बिहार का स्थान है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में डाटा साझा किया।

इसके अनुसार, माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर 12.6 प्रतिशत है, जबकि ओडिशा में यह दर 27.3 प्रतिशत है, इसके बाद मेघालय में 21.7 प्रतिशत, बिहार में 20.5 प्रतिशत और असम में 20.3 प्रतिशत है।