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Madhya Pradesh : केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुलेंगे 'सीएम राइज' स्कूल, जानिए क्या रहेंगी विशेषताएं

प्रदेश में स्थित तीन हजार संकुल केंद्रों को क्षेत्र के पांच-पांच हजार स्कूलों की सूची भेजकर सीएम राइज के लिए तीन-तीन स्कूलों का चयन करने को कहा गया है। सरकार ने तीन साल (2023) में सभी स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Tue, 22 Dec 2020 10:50 PM (IST)
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प्रदेश में तीन साल में विश्वस्तरीय सुविधा युक्त 9200 स्कूल होंगे तैयार
मनोज तिवारी, भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश के एक लाख दो हजार सरकारी स्कूलों को मर्ज कर केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर 9200 'सीएम राइज' स्कूल खोलने जा रही है। हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं (स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया) से लैस होंगे। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होंगी। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे और उन्हें स्कूल तक लाने व घर छोड़ने के लिए सरकार बस, वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है।

प्रदेश में स्थित तीन हजार संकुल केंद्रों को क्षेत्र के पांच-पांच हजार स्कूलों की सूची भेजकर सीएम राइज के लिए तीन-तीन स्कूलों का चयन करने को कहा गया है। सरकार ने तीन साल (2023) में सभी स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है। नई नीति में 15-20 किमी के दायरे में आने वाले पुराने स्कूलों का मर्जर किया जाएगा।

यह है उद्देश्य

प्रदेश के बच्चे पढ़ाई के मामले में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के बच्चों से मुकाबला कर सकें, इसलिए सरकार प्रत्येक स्कूल पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। ये स्कूल चार स्तर (संकुल से नीचे, संकुल, ब्लॉक और जिला) पर तैयार होंगे। इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी और उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में ज्यादा वेतन दिया जाएगा। शिक्षकों को स्कूल परिसर में ही मकान भी मिलेगा, ताकि उनके अप-डाउन में उलझने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इन स्कूलों में बच्चों को ड्रेस कोड भी निजी स्कूलों जैसा ही होगा।

किस स्तर पर क्या सुविधाएं

संकुल से नीचे के स्कूल : कवर्ड कैंपस, स्मार्ट रूम, स्मार्ट क्लास, आईटीसी लैब (कम्प्यूटर लैब), म्यूजिक रूम, आर्ट एंड क्राफ्ट रूम की सुविधाएं रहेंगी।

  • संकुल स्तर के स्कूलों में संकुल के नीचे की सभी सुविधाओं के अलावा बैंकिंग काउंटर, कैफेटेरिया, क्रिएटिव थिंकिंग एरिया, जिम और एनसीसी की सुविधा रहेगी।
  • ब्लॉक स्तरीय स्कूलों में संकुल स्कूलों की तमाम सुविधाओं के साथ ऑडिटोरियम और शिक्षकों के लिए मकान की सुविधा रहेगी।
  • जिला स्तरीय स्कूलों में नीचे के तीनों स्तर की सुविधाओं के साथ स्वीमिंग पूल, डिजिटल स्टूडियो, ट्रेक एंड फील्ड की सुविधा दी जाएगी। स्कूलों का क्षेत्र 15 से 20 किमी इन स्कूलों का कार्यक्षेत्र 15 से 20 किमी होगा। उस परिधि के अन्य सभी सरकारी स्कूलों को बंद करके इसी स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। हालांकि जहां इस परिधि में इकलौता प्राइमरी, मिडिल एवं हाईस्कूल है। वहां नई व्यवस्था पहले चरण (2023) के बाद लागू की जाएगी।
बच्चों को घर से लाएगी सरकार

स्कूलों तक बच्चों को लाने के लिए सरकार निशुल्क साइकिल देने की योजना बंद करने पर विचार कर रही है। इससे करीब तीन सौ करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी। जिससे बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाएगी। यानी बस या वैन बच्चों को घर लेने और छोड़ने जाएगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि सीएम राइज स्कूल बेहतर प़़ढाई के लिए बनाए जा रहे हैं। पहले स्तर का सर्वे करा चुके हैं। प्रयोग के तौर पर अगले सत्र से कुछ स्कूल शुरू करेंगे। 2023 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। इनमें विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी।