इंटरनेट के इस युग में विश्व में बढ़ी हिंदी की धाक
देश- विदेश में इसे जानने समझने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इंटरनेट के इस युग ने हिंदी को वैश्विक धाक जमाने नया अासमान प्रदान किया है।
हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया है। सांस्कृतिक अौर पारंपरिक महत्व को समेटे हिंदी अब विश्व में लगातार अपना फैलाव कर रही है। देश- विदेश में इसे जानने समझने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इंटरनेट के इस युग ने हिंदी को वैश्विक धाक जमाने नया अासमान प्रदान किया है।
राजभाषा का दर्जा
14 सितंबर, 1949 को संवैधानिक रूप से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। संविधान के अनुच्छेद 343 में यह प्रावधान किया गया है कि देवनागरी लिपि के साथ हिंदी भारत की राजभाषा होगी।
तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा
विश्व में हिंदी भाषी 50 करोड़ से अधिक हैं। यह तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। पहले स्थान पर मंदारिन है। इसे 96 करोड़ लोग बोलते हैं। 70 करोड़ बोलने वालों के साथ अंग्रेजी दूसरे स्थान पर है।
इंटरनेट पर हिंदी
हिंदी जानने, समझने और बोलने वालों की बढ़ती संख्या के चलते अब विश्व भर की वेबसाइट हिंदी को भी तवज्जो दे रही हैं। ईमेल, ईकॉमर्स, ईबुक, इंटरनेट, एसएमएस एवं वेब जगत में बड़ी सहजता से पाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सन, याहू, आइबीएम तथा ओरेकल जैसी विश्वस्तरीय कंपनियां अत्यंत व्यापक बाजार और भारी मुनाफे को देखते हुए हिंदी प्रयोग को बढावा दे रही हैं।
ट्विटर की तर्ज पर बनाया मूषक
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर की तर्ज पर हिंदी भाषी लोगों के लिए पुणे के अनुराग गौड़ और उनके साथियों ने मूषक नामक सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई है। इसमें ट्विटर की 140 शब्दों की सीमा की अपेक्षा शब्द सीमा पांच सौ है। इसे इंटरनेट पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट मूषक डॉट इन पर खोला जा सकता है। साथ ही गूगल प्लेस्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें किसी भी हिंदी शब्द को रोमन में लिखने पर उसका हिंदी विकल्प नीचे आ जाता है। उसे चुनकर हिंदी में लिखा जा सकता है।
विश्व में बढ़ी धाक
1. फिजी , मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद एवं टोबैगो एवं संयुक्त अरब अमीरात में हिंदी अल्पसंख्यक भाषा।
2. भारत को बेहतर ढंग से जानने के लिए दुनिया के करीब 115 शिक्षण संस्थानों में हिंदी का अध्ययन होता है।
3. अमेरिका में 32 विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में हिंदी पढ़ाई जाती है।
4. ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाई जाती है।
5. जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानों ने हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन को अपनाया है। कई संगठनर्
हिंदी का प्रचार करते हैं।
6. चीन में 1942 में हिंदी अध्ययन शुरू। 1957 में हिंदी रचनाओं का चीनी में अनुवाद कार्य आरंभ हुआ।