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Climate Change: जलवायु परिवर्तन के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रहीं, विज्ञानियों ने जताई चिंता

जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी के चलते दुनिया भर में गरज के साथ छीटें पड़ने की गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसके परिणामस्वरूप आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से गुरुवार को 43 लोगों की मौत हो गई वहीं शुक्रवार को बिहार में 21 लोगों की मौत हो गई। जलवायु परिवर्तन के कारण गरज वाले बादलों का बनना बढ़ रहा है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 13 Jul 2024 11:55 PM (IST)
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जलवायु परिवर्तन के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रहीं
पीटीआई, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी के चलते दुनिया भर में गरज के साथ छीटें पड़ने की गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसके परिणामस्वरूप आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ी हैं।

गरज वाले बादलों का बनना बढ़ रहा

वरिष्ठ विज्ञानियों ने शनिवार को यह बात कही। उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से गुरुवार को कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई, वहीं शुक्रवार को बिहार में 21 लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन नायर राजीवन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण गरज वाले बादलों का बनना बढ़ रहा है।

हर जगह मेघगर्जन की आवृत्ति बढ़ रही

उन्होंने कहा, 'यह दर्ज किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत सहित हर जगह मेघगर्जन की आवृत्ति बढ़ रही है। नायर ने कहा कि दुर्भाग्य से, हमारे पास बिजली चमकने की घटनाओं में वृद्धि की पुष्टि करने के लिए आंकड़े उपलब्ध नहीं है। हालांकि, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग से संवहनीय गतिविधि बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक गरज के साथ बारिश होती है और परिणामस्वरूप अधिक आकाशीय बिजली गिरती है।

उन्होंने बताया कि बिजली बड़े ऊध्र्वाधर (वर्टिकल) विस्तार वाले गहरे बादलों के कारण चमकती है। नायर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हवा की नमी धारण करने की क्षमता बढ़ रही है, जिससे ऐसे बादल अधिक बन रहे हैं। आइएमडी के वरिष्ठ विज्ञानी डीएस पई ने कहा कि सतह का तापमान जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही हल्की होगी और वह उतनी ही ऊपर उठेगी।

जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही

उन्होंने कहा, 'इसलिए, उच्च तापमान के साथ गरज के साथ बारिश होने की संभावना अधिक होती है, जिससे स्वाभाविक रूप से अधिक वज्रपात की आशंका होती है। जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही है।'