Move to Jagran APP

आयकर विभाग ने चीनी कंपनी हुआवे के परिसरों में ली तलाशी, कुछ दस्तावेज भी अपने साथ ले गई टीमें

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आयकर विभाग ने चीनी टेलीकाम कंपनी हुवावे के भारत स्थित परिसरों पर छापेमारी की है। आयकर विभाग की ओर से यह कार्रवाई कर चोरी की छानबीन के तहत की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 12:54 AM (IST)
Hero Image
आयकर विभाग ने चीनी टेलीकाम कंपनी हुवावे के भारत स्थित परिसरों पर छापेमारी की है।
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के सिलसिले में चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवे के भारत में स्थित कई परिसरों में तलाशी ली। यह जानकारी बुधवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी। जानकारी के अनुसार मंगलवार को हुआवे के दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा) और बेंगलुरु में स्थित परिसरों पर छापे मारे गए। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय व्यवसायों और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के हिस्से के रूप में वित्तीय दस्तावेजों, खाता बही और कंपनी के रिकार्ड को देखा। कुछ रिकार्ड जब्त भी किए गए।

कंपनी ने कहा कि देश में उसका संचालन कानून के दृढ़ता से अनुपालन के साथ हो रहा है। आयकर टीम के हमारे कार्यालय के दौरे और कुछ कर्मियों के साथ उनकी बैठक के बारे में हमें सूचित किया गया है। हुआवे को विश्वास है कि भारत में हमारे संचालन सभी कानूनों और विनियमों के अनुरूप हैं। हम अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेंगे। कंपनी ने बयान में आगे कहा कि हम नियमों और विनियमों के अनुसार पूरा सहयोग करने के साथ सही प्रक्रिया का पालन करें।

सरकार ने हुआवे को 5जी सेवाओं के परीक्षण से बाहर रखा है। हालांकि, टेलीकाम आपरेटरों को अपने नेटवर्क के लिए अपने पुराने समझौतों के तहत हुआवे और जेडटीई से दूरसंचार उपकरण प्राप्त करने की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके लिए दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश के अनुसार किसी भी नए व्यापार समझौते से पहले उन्हें सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

आयकर विभाग ने पिछले साल सायोमी और ओपो जैसी चीनी मोबाइल संचार और हैंडसेट निर्माण कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों की तलाशी ली थी। विभाग ने दावा किया था कि उस कार्रवाई में भारतीय कर कानून और नियमों के उल्लंघन के कारण 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बेहिसाब आय का पता चला।

इस सप्ताह की शुरुआत में, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं का हवाला देते हुए, चीन के 54 और एप ब्लाक कर दिए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले दिनों भारत में मोबाइल एप के माध्यम से तत्काल ऋण देने वाली चीन-नियंत्रित कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की जांच पड़ताल करने के साथ और उनकी संपत्ति फ्रीज की है।