Independence Day: ग्रैमी विजेता रिकी केज ने नए अंदाज में जारी किया राष्ट्रगान, 14000 आदिवासी छात्रों ने दी प्रस्तुति
ग्रैमी विजेता रिकी केज ने राष्ट्रगान को जनता के लिए नए अंदाज में पेश किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्करण में भारतीय संगीतकार भी शामिल हैं। रिकी केज ने आगे कहा कि हमने 14000 छात्रों को संगीत की शिक्षा दी जिसके समापन पर उन्होंने राष्ट्रगान के चार-भागों के स्वरों का गायन किया। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रगान वह पहला संगीत था जिसे मैंने बचपन में सीखा था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ग्रैमी विजेता रिकी केज ने राष्ट्रगान को जनता के लिए नए अंदाज में पेश किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो जारी कर कहा की वह इस गाने में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के हमारे राष्ट्रगान का शानदार संस्करण साझा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। राष्ट्रगान में रिकी केज ने ही संगीत का निर्देशन किया है।
14,000 आदिवासी छात्रों किया गया शामिल
उन्होंने कहा कि इस संस्करण में भारतीय संगीतकार भी शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस गाने में लगभग 14,000 आदिवासी छात्रों के एक समूह को भी शामिल किया गया है।
दिग्गजों ने भी दी है प्रस्तुति
रिकॉर्डिंग में बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और राकेश चौरसिया, संतूर वादक राहुल शर्मा, सरोद वादक अमान और अयान, वीणा वादक डॉ. जयंती कुमारेश जैसे उल्लेखनीय संगीतकारों की प्रस्तुति शामिल है। वीडियो में 14,000 बच्चे भारत का नक्शा और हिंदी और अंग्रेजी में 'भारत' शब्द बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह उपलब्धि भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है।
Honored to share my epic rendition of our National Anthem of India (Bharat). Featuring top legendary Indian musicians - a 100 piece British Orchestra and a choir of 14000 tribal children! We even won a Guinness World record :-)
Please share, watch, use, but with respect :-) It… pic.twitter.com/7XASJZ8hxC
राष्ट्रगान पर क्या बोले रिकी केज?
उन्होंने आगे बताया कि हमने राष्ट्रगान की एक सुंदर व्याख्या तैयार करने के लिए उत्तर और दक्षिण भारत दोनों से सर्वश्रेष्ठ शास्त्रीय संगीतकारों को एक साथ लाया। हमने 14,000 छात्रों को संगीत की शिक्षा दी, जिसके समापन पर उन्होंने राष्ट्रगान के चार-भागों के स्वरों का गायन किया। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रगान वह पहला संगीत था जिसे मैंने बचपन में सीखा था।
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