भारत बनेगा वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब, केंद्र सरकार ने की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत
मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार अगले चरण में ले जाना चाहती है। इसके लिए मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार अगले चरण में ले जाना चाहती है। अब तक सरकार 14 सेक्टर में पीएलआइ स्कीम की घोषणा कर चुकी हैं। इलेक्ट्रानिक्स फार्मा जैसे सेक्टर में पीएलआइ स्कीम के सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 04 Nov 2023 07:07 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार अगले चरण में ले जाना चाहती है और इस काम की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी गई है। नीति आयोग फिलहाल उन सेक्टर की पहचान करने में जुट गया है, जिनमें भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा सकता है।
कम से कम 12 सेक्टर की पहचान की जाएगी और इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। वर्ष 2020 में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम की शुरुआत की गई थी।
पीएलआइ स्कीम की घोषणा
अब तक सरकार 14 सेक्टर में पीएलआइ स्कीम की घोषणा कर चुकी हैं। इलेक्ट्रानिक्स, फार्मा जैसे सेक्टर में पीएलआइ स्कीम के सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। बाकी के कई सेक्टर में अभी उत्पादन शुरू होना बाकी है। नीति आयोग सूत्रों के मुताबिक, औद्योगिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। अब इलेक्टि्रक व्हीकल्स, हाइड्रोजन, बैटरी, सेमीकंडक्टर जैसी वस्तुओं की मांग आने वाले समय में तेजी से बढ़ने वाली है।'भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाया जा सकता'
आयोग इन बदलाव को ध्यान में रखते हुए उन सेक्टर का चुनाव करेगा, जिनमें भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाया जा सकता है। इसके अलावा वर्तमान में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग की समीक्षा की जाएगी और फिर उनमें से वैश्विक हब बनने की क्षमता रखने वाले सेक्टर की पहचान की जाएगी। संभावित 12 सेक्टर में शामिल करने से पहले भविष्य में उसकी वैश्विक मांग, उनके उत्पादन के लिए हमारी इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता जैसी चीजों की भी समीक्षा की जाएगी।
वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब
चार महीने में तैयार कर ली जाएगी रणनीति आयोग के मुताबिक, वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सिर्फ सेक्टर की पहचान ही नहीं की जाएगी बल्कि इस काम के लिए ट्रांसपोर्टेशन, लाजिस्टिक, बिजली आपूर्ति व डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी की जाएगी। इस काम के लिए आयोग सरकार को नीति बनाने से लेकर टैक्स में छूट जैसी बातों के लिए भी सुझाव देगा।अगले चार माह में भारत को कम से कम 12 सेक्टर में वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की रणनीति तैयार कर ली जाएगी। अभी पीएलआइ स्कीम में कई ऐसे भी सेक्टर है जिनके तहत मैन्यूफैक्चरर्स बहुत अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इससे उन सेक्टर में उत्पादन शुरू होने में विलंब हो रहा है। नीति आयोग की रणनीति में इन सब कारणों का भी ध्यान रखा जाएगा।यह भी पढ़े: PM मोदी ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ की फोन पर बात, पश्चिम एशिया की बिगड़ती स्थिति पर जताई चिंता
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