भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद, मनी लांड्रिंग से लड़ाई में सहयोग पर चर्चा; गैरकानूनी प्रवासियों से निपटने के रास्तों पर भी विचार
गैरकानूनी प्रवासियों से निपटने के रास्तों पर चर्चा के दौरान बैठक में दोनों पक्षों ने बायोमेट्रिक जानकारी साझा करने की संभावना पर भी विचार किया क्योंकि ऐसा पता चला है कि कई अवैध प्रवासियों के पास यात्रा दस्तावेज नहीं हो सकते हैं। ऐसे मामलों से निपटने के कुछ विशिष्ट तरीकों पर चर्चा हुई जिसमें 30 दिनों के भीतर अवैध प्रवासियों की हिरासत और उनका निर्वासन भी शामिल है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच बुधवार को हुई आंतरिक सुरक्षा वार्ता में आतंकवाद, मनी लांड्रिंग, संगठित अपराध और अमेरिका में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों से निपटने में सहयोग पर चर्चा हुई। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उनकी समकक्ष व अमेरिकी होमलैंड सिक्यूरिटी डिपार्टमेंट की कार्यकारी उपमंत्री क्रिस्टीन केनगैलो ने किया।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई व सुरक्षा क्षेत्र में जारी सहयोग की समीक्षा की। इस संदर्भ में उन्होंने आतंकवाद व हिंसक चरमपंथ, मादक पदार्थों की तस्करी व संगठित अपराध से निपटने और परिवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर चर्चा की।
खालिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा
माना जाता है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी भूमि पर खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों और उनके द्वारा भारत में मौजूद अलगाववादी तत्वों को सक्रिय समर्थन व वित्त पोषण का मुद्दा भी उठाया। बैठक का आयोजन अमेरिकी नागरिक व खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के कथित हत्या के प्रयास की पृष्ठभूमि में हुआ। अमेरिका इस मामले में जवाबदेही की मांग कर रहा है।तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण की मांग
भारत भी सैन फ्रांसिस्को में जुलाई, 2023 में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल खालिस्तान समर्थक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहा है। एनआइए ने सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल 50 से ज्यादा खालिस्तान समर्थकों की पहचान की है। भारत 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपित तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण की मांग भी कर रहा है।
गैरकानूनी प्रवासियों से निपटने के रास्तों पर चर्चा के दौरान बैठक में दोनों पक्षों ने बायोमेट्रिक जानकारी साझा करने की संभावना पर भी विचार किया क्योंकि ऐसा पता चला है कि कई अवैध प्रवासियों के पास यात्रा दस्तावेज नहीं हो सकते हैं। ऐसे मामलों से निपटने के कुछ विशिष्ट तरीकों पर चर्चा हुई, जिसमें 30 दिनों के भीतर अवैध प्रवासियों की हिरासत और उनका निर्वासन भी शामिल है। हालांकि, इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड फेंटेनाइल तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के अमेरिकी प्रयासों पर भी विचार-विमर्श हुआ।