India US Relations: स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए भारत-अमेरिका आए साथ, दोनों देशों के बीच MoU पर हस्ताक्षर
भारत और अमेरिका ने स्टार्टअप के बीच सहयोग बढ़ाने नियामकीय अड़चनों को दूर करने और उद्यमियों के पूंजी जुटाने पर सर्वोत्तम व्यवहार को साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता के तहत नवोन्मेषण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए एमओयू पर 14 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने स्टार्टअप के बीच सहयोग बढ़ाने, नियामकीय अड़चनों को दूर करने और उद्यमियों के पूंजी जुटाने पर सर्वोत्तम व्यवहार को साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता के तहत नवोन्मेषण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए एमओयू पर 14 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय सैन फ्रांसिस्को में हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि एमओयू पर एक उद्योग गोलमेज बैठक में हस्ताक्षर किए गए। इस बैठक में प्रमुख आइसीटी कंपनियों के सीईओ, वेंचर कैपिटल फर्मों के अधिकारियों और प्रमुख स्टार्टअप के संस्थापकों ने भाग लिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई।
संबंधों को मजबूत करने के लिए 'इनोवेशन हैंडशेक' किया जारी
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने दो महत्वाकांक्षी 'इनोवेशन हैंडशेक' पहल को जारी करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून में इसकी समीक्षा की थी।
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस घोषणा ने 2024 की शुरुआत में भारत और अमेरिका में होने वाले 'इनोवेशन हैंडशेक' के दो कार्यक्रमों के लिए आधार तैयार किया। इसमें एक इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म शामिल है, जिसका मकसद अमेरिकी तथा भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को उनके अभिनव विचारों तथा उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करना है। दूसरा सिलिकान वैली में एक 'हैकथान' जहां दोनों देशों के स्टार्टअप अपनी प्रौद्योगिकियों को पेश करेंगे।
वैश्विक निवेशकों की भागीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है नैस्डैक
नैस्डैक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि वैश्विक निवेशकों से भारत में बेहद जरूरी निवेश लाने में अमेरिकी शेयर बाजार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। नैस्डेक के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एडवर्ड नाइट ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत में अभी '200 से अधिक बेहद बड़ी स्टार्टअप कंपनियां हैं जो भविष्य में सूचीबद्ध हो सकती हैं और ऐसा दुनिया में कहीं और नहीं देखा गया है।
नैस्डेक (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स आटोमेटेड कोटेशन) एक स्टाक एक्सचेंज है। एपल, माइक्रोसाफ्ट और अमेजन जैसी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां इसमें सूचीबद्ध हैं। यह न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज (एनवाईएसई) के बाद बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया का सबसे पुराना तथा दूसरे सबसे बड़े शेयर बाजार में से एक है।