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मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान, भारत और अमेरिका ने की मांग

भारत और अमेरिका के बीच इस बारे में पहले से ही समझौते हैं जिसे और मजबूत करने की सहमति बनी है। दोनों देश इस बात पर सहमत है कि आतंकवाद के नये रूप सामने आ रहे हैं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। खास तौर पर आतंकवादियों की तरफ से इंटरनेट या दूसरी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के खतरे को रोकने की रणनीति पर बात हुई है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 06 Mar 2024 08:51 PM (IST)
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भारत व अमेरिका की मांग, मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने एक बार फिर मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भारत व अमेरिका के बीच गठित संयुक्त कार्यदल की 20वीं बैठक मंगलवार (5 मार्च) को हुई और बुधवार को इसका संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया गया है लेकिन दोनों देशों ने एक साथ वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले और वर्ष 2016 में पठानकोट हमले के दोषियों को सजा दिलाने की बात कही है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की तरफ से अधिसूचित आतंकियों व आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग भी की गई है।

आतंकवाद के खिलाफ सहयोग

यह भी पाकिस्तान की तरफ ही ईशारा है जहां अभी लश्करे-तैयबा और जैश ए मोहम्मद के कई ऐसे आतंकवादी हैं जिनको यूएनएससी की तरफ से चिन्हित है और पाकिस्तान इनके खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी करता रहा है।इस बैठक में भारत व अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाने की सहमति बनी है।

आतंकवाद से निपटने की रणनीति

दोनो देशों के बीच इस बारे में पहले से ही समझौते हैं जिसे और मजबूत करने की सहमति बनी है। दोनों देश इस बात पर सहमत है कि आतंकवाद के नये रूप सामने आ रहे हैं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। खास तौर पर आतंकवादियों की तरफ से इंटरनेट या दूसरी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के खतरे को रोकने की रणनीति पर बात हुई है।

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई

एक दूसरे देश में पकड़े गये आतंकियों के प्रत्यर्पण के तरीके को आसान बनाने पर भी बात हुई है। यह बात फिर से दोहराई गई है कि आतंकवाद आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमन व शांति के लिए एक गंभीर खतरा है। अमेरिकी, भारतीय व वैश्विक नागरिकों की संपन्नता व शांति के लिए यह जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में वैश्विक स्तर पर और ज्यादा सहयोग हो। बैठक में दोनों तरफ की सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।

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