2+ 2 Dialogue : अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग और प्रगाढ़ करेंगे भारत व अमेरिका, इसके जरिये एक दूसरे के सेटेलाइट की सुरक्षा होगी सुनिश्चित
जो बाइडन की सरकार बनने के बाद भारत और अमेरिका के बीच किया जाने वाला यह सबसे अहम समझौता होगा। इस समझौते के बाद दोनों देश एक दूसरे के सेटेलाइट के लिए उत्पन्न किसी भी खतरे के बारे में प्राथमिकता के तौर पर जानकारी साझा करेंगे।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 12 Apr 2022 06:42 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को और प्रगाढ़ करने का फैसला हुआ है। सोमवार को वाशिंगटन में दोनों देशों के बीच टू प्लस टू वार्ता (दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक) के बाद इस बारे में एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। दोनों ओर दी गई जानकारी के मुताबिक यह समझौता एक दूसरे के सेटेलाइट को सुरक्षित बनाने के संबंध में है।
टू प्लस टू वार्ता के बाद संयुक्त बयान में भी अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापक सहयोग के बारे में बताया जाएगा। वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में हुई टू प्लस टू वार्ता में भी अंतरिक्ष सहयोग एक व्यापक एजेंडा रहा था। उन वार्ताओं की वजह से ही अब एक दूसरे को सेटेलाइट की जानकारी साझा करने संबंधी 'द स्पेस सिचुएशनल एवरनेस मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग' पर हस्ताक्षर होंगे।
किसी भी खतरे के बारे में प्राथमिकता के तौर पर साझा करेंगे जानकारी
जो बाइडन की सरकार बनने के बाद भारत और अमेरिका के बीच किया जाने वाला यह सबसे अहम समझौता होगा। इस समझौते के बाद दोनों देश एक दूसरे के सेटेलाइट के लिए उत्पन्न किसी भी खतरे के बारे में प्राथमिकता के तौर पर जानकारी साझा करेंगे। अंतरिक्ष में फैले तमाम तरह के मलबे की जानकारी देंगे। इस मलबे की वजह से सेटेलाइटों को खतरा रहता है।
जानकारी साझा करने वाला यह समझौता सिर्फ अमेरिका से किया जा रहा
वैसे दोनों देशों के बीच वर्ष 2015 से ही स्पेस सिक्यूरिटी डायलाग चल रहा है। भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र को सुरक्षा से जोड़ते हुए इस तरह की वार्ता सबसे पहले अमेरिका से ही शुरू की थी और उसके बाद जापान व आस्ट्रेलिया के साथ भी शुरू कर चुका है। हालांकि अंतरिक्ष क्षेत्र में जानकारी साझा करने वाला समझौता सिर्फ अमेरिका से किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सितंबर, 2021 की वाशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में भी अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग एक अहम एजेंडा था। उपराष्ट्रपति हैरिस नेशनल स्पेस काउंसिल आफ अमेरिका की प्रमुख हैं। नासा और इसरो के बीच कई स्तरों पर सहयोग स्थापित किया गया है।