भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी टू प्लस टू वार्ता, रक्षा सहयोग बढ़ाने सहित इन मुद्दों पर हुई बातचीत
रक्षा सहयोग बढ़ाने और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता की। राजनाथ सिंह और रिचर्ड मार्ल्स की अलग से भी मुलाकात हुई जिसमें दोनों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि एक मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी न सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र सुरक्षा के लिए भी अच्छी होगी।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Mon, 20 Nov 2023 11:48 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा सहयोग बढ़ाने और महत्वपूर्ण खनिजों एवं व्यापार व निवेश जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता की। दूसरी भारत-ऑस्ट्रेलिया टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग से बातचीत की।
बैठक से पहले एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बैठक में रक्षा व सुरक्षा, व्यापार व निवेश, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित बहुआयामी भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी एजेंडे में हैं।
रिचर्ड मार्ल्स से मिले राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह और रिचर्ड मार्ल्स की अलग से भी मुलाकात हुई जिसमें दोनों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि एक मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी न सिर्फ दोनों देशों के लिए, बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र सुरक्षा के लिए भी अच्छी होगी।यह भी पढ़ें: स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए भारत-अमेरिका आए साथ, दोनों देशों के बीच MoU पर हस्ताक्षर
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि रक्षा उद्योग एवं अनुसंधान में सहयोग को गहरा करने से पहले से मजबूत संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि जहाज निर्माण, जहाजों की मरम्मत व रखरखाव और विमानों के रखरखाव, मरम्मत व ओवरहालिंग सहयोग के संभावित क्षेत्र हो सकते हैं।
बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में प्रतिबद्धता जताई। राजनाथ ने इस वर्ष अगस्त में ऑस्ट्रेलिया द्वारा बहुपक्षीय अभ्यास 'मालाबार' के पहले एवं सफल आयोजन के लिए मार्ल्स को बधाई दी। दोनों मंत्रियों ने सूचनाओं के आदान-प्रदान और समुद्री क्षेत्र के बारे में जागरूकता में सहयोग को और बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।मंत्रालय के मुताबिक, 'दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के दिशा में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने संयुक्त अभ्यास, वार्ताओं एवं संस्थागत वार्ता समेत बढ़ते सैन्य सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।' अधिकारियों के मुताबिक, दोनों पक्ष हाइड्रोग्राफी सहयोग और हवा में ईंधन भरने में सहयोग पर क्रियान्वयन तंत्र को अंतिम रूप देने की वार्ता के अंतिम चरण में हैं।
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सेनाओं को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, पनडुब्बी रोधी व ड्रोन रोधी युद्ध और साइबर क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट प्रशिक्षण में भी सहयोग करना चाहिए। दोनों मंत्रियों ने अंडरवाटर टेक्नोलाजीस में संयुक्त अनुसंधान के लिए सहयोग और चुनौतियों को संयुक्त रूप से हल करने सहित दोनों देशों के रक्षा स्टार्ट-अप के बीच सहयोग पर भी चर्चा की।
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क्या कुछ बोले विदेश मंत्री जयशंकर?
विदेश मंत्री जयशंकर ने भी रिचर्ड मार्ल्स से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने इजरायल-हमास युद्ध और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा,टू प्लस टू बैठक से पहले वोंग और मार्ल्स ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा भी किया और अपना जीवन बलिदान करने वाले लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। वोंग ने एक्स पर कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य संबंधों का एक लंबा इतिहास है। ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने गैलीपोली सहित कई अभियानों में भारतीय सैनिकों के साथ लड़ाई लड़ी है।ऑस्ट्रेलिया के उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स के साथ मुलाकात अच्छी रही। हालिया घटनाक्रम पर बातचीत हुई, जिसने हिंद-प्रशांत रणनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया। पश्चिमी एशिया पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ और हां, हमने कल (रविवार) के मैच पर भी चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया को बधाई!'