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India-Maldives Row: मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों की होगी वापसी? आज दिल्ली में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय बैठक

भारत और मालदीव के बीच जारी राजनयिक विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देश प्रयासरत है। सूत्रों ने बताया कि मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति पर भारत और मालदीव के बीच नई दिल्ली में दूसरी कोर समूह की बैठक होगी। इससे पहले मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की पहली बैठक 14 जनवरी को माले में संपन्न हुई थी।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 02 Feb 2024 03:59 AM (IST)
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भारत और मालदीव के बीच नई दिल्ली में दूसरी कोर समूह की बैठक होगी। (फाइल फोटो)

एएनआई, नई दिल्ली। भारत और मालदीव के बीच जारी राजनयिक विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देश प्रयासरत है। सूत्रों ने बताया कि मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति पर भारत और मालदीव के बीच नई दिल्ली में दूसरी कोर समूह की बैठक होगी। इससे पहले मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की पहली बैठक 14 जनवरी को माले में संपन्न हुई थी।

14 जनवरी को हुई थी पहली बैठक

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने पहली कोर ग्रुप बैठक के बाद कहा था कि भारत और मालदीव भारतीय सैन्य कर्मियों की तेजी से वापसी पर सहमत हुए। बयान में कहा गया कि मालदीव के विदेश मंत्रालय में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। दोनों पक्षों के बीच विकास सहयोग सहित आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने पर जोर

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति हुई कि उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर होगी। साथ ही भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और चल रही परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर भी चर्चा की।

मालदीव में कितने सैनिक हैं तैनात?

बता दें कि मालदीव में भारतीय सैनिकों को हटाना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी का मुख्य एजेंडा था। इस समय मालदीव में डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 70 भारतीय सैनिक तैनात हैं।

मुइज्जू का मुख्य एजेंडा था भारतीय सैनिकों की वापसी

राष्ट्रपति पद संभालने के दूसरे दिन ही मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों की वापसी का अनुरोध किया था। वहीं, पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रपति मुइज्जू ने दावा किया था कि भारत सरकार के साथ बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने पर सहमति बनी है।