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रणनीतिक संबंधों को नया आयाम देंगे भारत और सऊदी, देश के पश्चिमी क्षेत्र में विशालकाय रिफाइनरी लगाने पर विमर्श

सऊदी अरब ने पूर्व में 100 अरब डॉलर का निवेश भारत में करने का प्रस्ताव रखा था। दोनो देशों में इसको लेकर फिर से बातचीत होगी। दोनो देशों के बीच आठ समझौते किये गये जिसमें डिजिटलकीकरण और निवेश संव‌र्द्धन जैसे क्षेत्र हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव ( ओआइए) औसफ सईद ने बताया कि दोनो नेताओं की अगुवाई में आपसी मुद्रा में कारोबार करने के मुद्दे पर भी बात हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Mon, 11 Sep 2023 09:09 PM (IST)
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पाकिस्तान के तमाम आग्रह के बावजूद क्राउन प्रिंस ने आने या जाने के समय वहां नहीं रूके।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भारत और सऊदी अरब ने पिछले एक दशक में द्विपक्षीय रिश्तों को जो मजबूती दी है उसे अब नया मुकाम देने की तैयारी है। दुनिया के सबसे बड़े व अमीर इस्लामिक देश सऊदी अरब को भारत कितनी अहमियत दे रहा है इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सोमवार को यहां एक दिन की राजकीय यात्रा पर रहे।

पाकिस्तान नहीं गए क्राउन प्रिंस

सऊदी भी भारत को उतनी ही अहमियत दे रहा है, तभी अपने पारंपरिक मित्र देश पाकिस्तान के तमाम आग्रह के बावजूद क्राउन प्रिंस ने आने या जाने के समय वहां नहीं रूके। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक हुई जिसमें ऊर्जा संबंधों से लेकर नई प्रौद्योगिकी में रिश्तों को व्यापक बनाने पर बात हुई।

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राजकीय सम्मान के साथ स्वागत

क्राउन प्रिंस मोहम्मद का 11 सितंबर, 2023 को सुबह राष्ट्रपति भवन में राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। उसके बाद उनकी पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय आधिकारिक वार्ता हुई। उनका स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “सऊदी अरब भारत के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देशों में से एक है। आज की बैठक के बाद हमारे रिश्तों को नई दिशा व ऊर्जा मिलेगी। दोनो देशों की साझेदारी ना सिर्फ एशिया बल्कि पूरे विश्व में शांति व स्थिरता के लिए जरूरी है।''

इस वार्ता में पारंपरिक ऊर्जा संबंधों को नये परिवेश के मुताबिक विस्तारित करने का फैसला किया गया। इसे समग्र ऊर्जा साझेदारी का नाम दिया गया है जिसमें कच्चे तेल के कारोबार, नई रिफाइनरी से लेकर रिनीवेबल ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन जैसे ऊर्जा के नये क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। सऊदी अरब लंबे अरसे से भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है। इस बैठक में फैसला किया गया है कि भारत के पश्चिमी क्षेत्र में एक विशालकाय पेट्रोलियम रिफाइनरी लगाने की योजना पर नये सिरे से विमर्श किया जाएगा। दोनों देशों की सरकारी कंपनियों की तरफ से लगाई जाने वाली इस रिफाइनरी की लागत 50 अरब डॉलर की हो सकती है।

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100 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव

सऊदी अरब ने पूर्व में 100 अरब डॉलर का निवेश भारत में करने का प्रस्ताव रखा था। दोनो देशों में इसको लेकर फिर से बातचीत होगी। इसका आधा निवेश तो नई रिफाइनरी में ही किये जाने का प्रस्ताव है। दोनो देशों के बीच आठ नये समझौते किये गये हैं जिसमें डिजिटलकीकरण और निवेश संव‌र्द्धन जैसे क्षेत्र हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव ( ओआइए) औसफ सईद ने बताया कि दोनो नेताओं की अगुवाई में आपसी मुद्रा में कारोबार करने के मुद्दे पर भी बात हुई है। भारत पहले ही खाड़ी क्षेत्र के एक अन्य प्रभावशाली देश यूएई के साथ स्थानीय मुद्रा में कारोबार शुरू कर चुका है। दोनो देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर भी बातचीत हुई है।

सउदी अरब ने पिछले वर्ष पांच देशों का चयन किया है जिसके साथ वह अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करना चाहता है। इसमें भारत भी शामिल है। दोनों नेताओं के बीच हाल ही में भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक कारीडोर की स्थापना को लेकर हुए समझौते पर भी बात हुई है। भारत और सऊदी अरब इस कारीडोर के अहम साझेदार है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि वह भारत के साथ मिल कर दोनो देशों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए काम करेंगे।