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भारत ने ब्रिटेन से कहा, वह भगोड़े माल्या की शरण देने संबंधी गुजारिश पर नहीं करे विचार

भारत ने ब्रिटेन से कहा है कि वह भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की ओर से शरण के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करे क्योंकि भारत में उसके उत्पीड़न का कोई आधार नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 12 Jun 2020 01:50 AM (IST)
भारत ने ब्रिटेन से कहा, वह भगोड़े माल्या की शरण देने संबंधी गुजारिश पर नहीं करे विचार
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत ने ब्रिटेन से कहा है कि वह भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) की ओर से शरण के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करे क्योंकि भारत में उसके उत्पीड़न का कोई आधार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बृहस्‍पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत माल्या के जल्द प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के साथ संपर्क बनाए हुए है। दरअसल, पिछले हफ्ते ब्रिटिश सरकार ने संकेत दिए थे कि माल्या के जल्द भारत प्रत्यर्पण की संभावना नहीं है।

ब्रिटेन का कहना था कि कुछ कानूनी मसले हैं जिनका प्रत्यर्पण की व्यवस्था करने से पहले समाधान करना जरूरी है। बता दें कि मनी लांड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करने के लिए माल्या भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में अपील हार गया था। यह माल्या के लिए बड़ा धक्का था क्योंकि अप्रैल में वह ब्रिटिश हाई कोर्ट में भी अपील हार गया था। अनुराग श्रीवास्तव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने ब्रिटेन के अधिकारियों से कहा है कि वे माल्‍या (Vijay Mallya) को और शरण नहीं दें।

उल्‍लेखनीय है कि भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में प्र‌र्त्यपण संधि हुई थी और यह नवंबर, 1993 में प्रभावी हुई थी। इस संधि के तहत अब तक दो बड़े प्रत्यर्पण हुए हैं। साल 2016 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में संलिप्तता के संबंध में समीरभाई विनुभाई पटेल और इसी साल फरवरी में क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला को भारत लाया गया था। माल्या साल 2016 में भारत से फरार हो गया था। माल्‍या पर विभिन्न बैंकों के करीब नौ हजार करोड़ रुपए का बकाया हैं। माल्या पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया।

बीते दिनों सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि माल्या के प्रत्यर्पण से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने बीते 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण पर मुहर लगा दी थी। अब ब्रिटेन के कानूनों के तहत कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं जिसके बाद माल्‍या को भारत लाया जा सकता है। बता दें कि अगस्त 2018 में माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की अदालत ने भारतीय जांच एजेंसियों से पूछा था कि वह प्रत्यर्पण के बाद माल्या को किस जेल में रखेंगे तो जांच एजेंसियों ने मुंबई की आर्थर रोड जेल का वीडियो साझा किया था।