'जैव विविधता के संरक्षण के अग्रिम मोर्चे पर देश', पीएम बोले- 2070 तक हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कर देंगे शून्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत 2070 तक हानिकारक गैसों का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि देश इससे पहले ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। भारत जैसे 140 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के लिए यह बहुत बड़ी बात है। पीएम ने यह बात शुक्रवार को जी-20 देशों के पर्यावरण मामलों के मंत्रियों की बैठक में कही।
PM मोदी ने क्या कुछ कहा?
उन्होंने कहा कि अब हम 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा के मानदंड निश्चित कर उनकी प्राप्ति के लिए कार्य कर रहे हैं। भारत इस समय गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत विकसित करने में विश्व के पांच अग्रणी देशों में शामिल है।उन्हें यह बात कहने में गर्व की अनुभूति हो रही है कि भारत जैव विविधता विकास के लक्ष्यों को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के जरिये प्राप्त कर रहा है। भारत ने पेट्रोल-डीजल के बगैर आवश्यक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। यह लक्ष्य प्राप्ति पेरिस समझौते में निर्धारित 2030 के लक्ष्य से नौ वर्ष पहले हुई है।
भारत 2070 तक हानिकारक गैसों का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि देश इससे पहले ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। भारत जैसे 140 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के लिए यह बहुत बड़ी बात है।
'बहुत से मामलों में विविधता वाला देश है भारत'
मोदी ने कहा कि भारत बहुत से मामलों में विविधता वाला देश है। यह जैव विविधता के विकास के साथ ही भू उपयोग के बेहतर इस्तेमाल की रूपरेखा भी तैयार कर रहा है। वन क्षेत्र में लगने वाली आग और खनन को रोकने के लक्ष्यों पर भी कार्य कर रहा है। इसके लिए गांधीनगर इंप्लीमेन्टेशन रोडमैप एंड प्लेटफार्म कार्य कर रहा है।'प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डाल्फिन पर चल रहा काम'
प्रधानमंत्री ने कहा,भारत प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डाल्फिन पर भी कार्य कर रहा है। यह सारा कार्य आमजनों की भागीदारी से हो रहा है। इसमें सरकार की भूमिका सीमित है। जन सहयोग से भारत में मिशन अमृत सरोवर परियोजना भी चल रही है। इसके तहत केवल एक वर्ष में 63 हजार से ज्यादा जल स्त्रोतों का पुनरुद्धार किया गया है।