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भारत संपूर्ण जीव-जंतुओं की लिस्ट बनाने वाला दुनिया का पहला देश बना, एक लाख से ज्यादा प्रजातियां हुईं कवर

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत 104561 प्रजातियों को कवर करते हुए अपने संपूर्ण जीवों की एक चेकलिस्ट तैयार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है जो जैव विविधता प्रलेखन में खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि भारत के जीवों की चेकलिस्ट पोर्टल भारत से रिपोर्ट की गई जीव प्रजातियों पर पहला व्यापक दस्तावेज है।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sun, 30 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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भारत ने 104,561 प्रजातियों को कवर किया। (फोटो, एक्स)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत 1,04,561 प्रजातियों को कवर करते हुए अपने संपूर्ण जीवों की एक चेकलिस्ट तैयार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। उन्होंने जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) के आयोजित एनिमल टैक्सोनॉमी समिट-2024 के दौरान भारत के जीवों का चेकलिस्ट पोर्टल भी लॉन्च किया।

पर्यावरण मंत्री यादव ने कोलकाता में जेडएसआई के 109वें स्थापना दिवस पर कहा कि भारत जैव विविधता संरक्षण में वैश्विक चैंपियन है। हमारी परंपरा, लोकाचार और मूल्य प्रकृति का सम्मान करते हैं और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देते हैं।

भारत ने 104,561 प्रजातियों को कवर किया

उन्होंने कहा, "भारत 104,561 प्रजातियों को कवर करते हुए अपने संपूर्ण जीवों की एक चेकलिस्ट तैयार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है, जो जैव विविधता प्रलेखन में खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है।" उन्होंने कहा कि भारत के जीवों की चेकलिस्ट पोर्टल भारत से रिपोर्ट की गई जीव प्रजातियों पर पहला व्यापक दस्तावेज है।

जीवों की सूची वर्गीकरण नीति निर्माताओं के लिए अमूल्य संदर्भ

उन्होंने कहा, "जीवों की सूची वर्गीकरण वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, संरक्षण प्रबंधकों और नीति निर्माताओं के लिए एक अमूल्य संदर्भ होगी। इसमें 36 प्रकार के फाइला को कवर करने वाले सभी ज्ञात टैक्सा वर्गीकरण की 121 चेकलिस्ट शामिल हैं। स्थानीय, संकटग्रस्त व सूचीबद्ध प्रजातियों को भी इसमें शामिल किया गया है।"

मंत्री ने सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला

उन्होंने जैव विविधता और प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस जैसी सरकार की पहलों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि एक सफल परियोजना के रूप में चीतों का भारत में स्थानांतरण इसका एक उदाहरण है। शिखर सम्मेलन का समापन तीन जुलाई को होगा।

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