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Tear Smoke Drone तकनीक को तैयार करने वाला भारत बना दुनिया का दूसरा देश

दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बीएसएफ का टियर स्मोक ड्रोन लांच हो गया है।देशभर की पुलिस इसका उपयोग कर सकेगी। इसके लिए ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की टीम बीएसएफ टेकनपुर अकादमी स्थित टियर स्मोक यूनिट आई और इस नए उत्पाद के बारे में रिपोर्ट ली।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 11:28 PM (IST)
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दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बीएसएफ का टियर स्मोक ड्रोन हुआ लांच। (प्रतीकात्मक फोटो)
वरुण शर्मा, ग्वालियर। दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बीएसएफ का टियर स्मोक ड्रोन लांच हो गया है। अब देशभर की पुलिस इसका उपयोग कर सकेगी। इसके लिए ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) की टीम बीएसएफ टेकनपुर अकादमी स्थित टियर स्मोक यूनिट आई और इस नए उत्पाद के बारे में रिपोर्ट ली। अब बीपीआरडी की टीम केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट देगी। मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी।

भारत बना दुनिया को दूसरा देश

मालूम हो कि यह तकनीक तैयार करने वाला भारत अब दुनिया में दूसरा देश बन गया है। अभी तक यह तकनीक इजरायल के पास है। बीएसएफ की टियर स्मोक यूनिट ने इसे तैयार किया है। यह ड्रोन अश्रु गोलों को लेकर 40 मिनट तक हवा में रह सकता है। पिछले माह बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की मौजूदगी में दिल्ली में इस नए ड्रोन लांचर की जानकारी साझा की गई थी।

रिमोट से लांच होगा है गोला

बीएसएफ ने इसे ट्विटर हैंडल पर भी ट्वीट किया था और वीडियो में दिखाया था कि हेक्साकाप्टर ड्रोन के नीचे लगे धातु के बाक्स में छह अश्रु गैस के गोले रखे जाते हैं और रिमोट सेंसर से यह गोले लांच कर दिए जाते हैं।

तकनीक बीएसएफ देगा, ड्रोन खुद लेना होगा

बीएसएफ ने इस ड्रोन तकनीक को तैयार किया है और यह तकनीक उपयोग के लिए हस्तांतरित की जा सकेगी। जो सुरक्षा एजेंसी या इकाई इसे लेना चाहेगी, वह तकनीक बीएसएफ से लेगी, लेकिन ड्रोन उन्हें स्वयं खरीदना होगा। यह ड्रोन 15 लाख रुपये की कीमत के लगभग होंगे, जो छह किलो वजन उठाने में सक्षम होंगे। इसमें अश्रु गैस के छह शेल डाले जाते हैं।

दो किमी क्षेत्र में अश्रु गोले बरसाने में सक्षम

सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सुविधासुरक्षा बल के जवान अभी तक हैंडगन से अश्रु गैस के गोले प्रदर्शनकारियों व दंगाइयों पर छोड़ते थे, ऐसे में यह सटीक पता नहीं चल पाता था कि गोला कहां गिरेगा। अब टियर स्मोक ड्रोन लांचर आने के बाद स्क्रीन पर यह दिख सकेगा कि ड्रोन कहां गोले गिराएगा और कोई अनावश्यक आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं लगा सकेगा।

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