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'कश्मीर हमारा है, हमारा ही रहेगा', चीन और पाकिस्तान की चालाकी पर भारत का करारा जवाब

चीन और पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे पर चालाकी करने की कोशिश की और दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने भारत को नागवार गुजरने वाला संयुक्त बयान जारी कर दिया जिसके बाद भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने फिर से दो टूक स्पष्ट किया कि कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगा। किसी के कहने से कुछ नहीं बदलता।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 18 Oct 2024 02:00 AM (IST)
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भारत ने स्पष्ट किया कि कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगा। (File Image)
एएनआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा है और हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। किसी के भी बयान के बावजूद यह रुख कभी नहीं बदलेगा। विदेश मंत्रालय का यह जवाब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग द्वारा जारी संयुक्त बयान के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत कश्मीर मुद्दे के समाधान का आह्वान किया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'कश्मीर मुद्दे पर, आप हमारा रुख जानते हैं। कश्मीर हमारा है। हमारा ही रहेगा। यह हमारा रुख है। अगर कोई कुछ कहता है तो इससे कुछ नहीं बदलता।'

पाकिस्तान के साथ नहीं हुई द्विपक्षीय बैठक

विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की। विदेश मंत्री की हालिया इस्लामाबाद यात्रा केवल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक के लिए थी। एससीओ बैठक के अलावा जयशंकर ने एकमात्र द्विपक्षीय वार्ता मंगोलिया के साथ की थी। बुधवार को एससीओ बैठक में जयशंकर ने याद दिलाया की सीमापार आतंकवाद से न तो कारोबार बढ़ सकता है और न ही संगठन के बीच कनेक्टिविटी हो सकती है।

(एससीओ सम्मेलन के दौरान पाक पीएम शाहबाज से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर। Photo- ANI)

इधर, कनाडा के साथ कूटनीतिक विवाद को लेकर एक बार फिर भारत ने ट्रूडो सरकार पर निशाना साधा। भारत ने कहा कि वह कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से 'एक भारत की आधिकारिक नीति' को लेकर दिए गए बयान पर भारत कतई भरोसा नहीं करता। भारत का कहना है कि ट्रूडो की कथनी और करनी में अंतर है।

नहीं दिया गया कोई सबूत: भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'भारत की एकता के बारे में वह कह कुछ रहे हैं, लेकिन जब भारत की एकता व अखंडता पर सवाल उठाने वालों पर कार्रवाई का अनुरोध किया जाता है तो उनकी सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती।' भारत ने कहा कि कनाडा सरकार के पास भारत के 26 प्रत्यर्पण अनुरोध काफी समय से लंबित हैं, लेकिन वह कोई एक्शन नहीं लेती।

यह प्रतिक्रिया भारतीय विदेश मंत्रालय की है, जिसने फिर से यह बात दोहराई है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा सरकार की तरफ से अभी तक भारत को एक भी सुबूत नहीं दिया गया है। इसके साथ ही भारत ने कनाडा के साथ द्विपक्षीय रिश्तों के बेहद खराब होने की पूरी जिम्मेदारी ट्रूडो पर डाल दी है और कहा है कि इसे सुधारने की पूरी जिम्मेदारी उनकी ही है।

ट्रूडो की कथनी और करनी में फर्क: भारत 

कनाडा में संघीय चुनावी प्रक्रियाओं व लोकतांत्रिक संस्थाओं मे विदेशी दल की जांच कर रहे स्वतंत्र आयोग के समक्ष बुधवार को ट्रूडो ने कहा था कि उनकी सरकार एक भारत की नीति का पालन करती है। इस बारे में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से पूछा गया तो उनका जवाब था, 'भारत में अपराध करके कनाडा में शरण लेने वाले भारतीयों के प्रत्यर्पण की बात हो या भारत की अखंडता के खिलाफ बात करने वालों पर रोक लगाने की, ट्रूडो प्रशासन ने कभी भारत के आग्रह पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। उनके बयान और उनके काम के बीच काफी अंतर है।'