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भारत और ब्रिटेन ने TSI शुरू करने का किया एलान, कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति; टेक्नोलॉजी के छात्रों को भी मिलेगा फायदा

भारत और ब्रिटेन ने TSI यानी प्रौद्योगिकी सुरक्षा अभियान शुरू करने का एलान किया है। भारत दौरे पर पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी की पीएम मोदी विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद इसका एलान किया गया। इस अभियान के तहत दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 25 Jul 2024 12:13 AM (IST)
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पीएम मोदी ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से मुलाकात की। (फोटो-एएनआई)

एएनआई, नई दिल्ली। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इस दौरान दोनों देशों ने यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (TSI) को लॉन्च किया। साथ ही दोनों देशों ने इस शुभारंभ का स्वागत किया।

दोनों पक्षों ने टेलीकॉम, क्रिटिकल एलीमेंट, सेमी-कंडक्टर, एआई, क्वांटम, बायोटेक और उन्नत सामग्री समेत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों (CET) में सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के नेतृत्व में सहमति जताई।

कई क्षेत्रों में होंगे सहयोग

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार टीएसआई के तहत सहयोग में सरकारी, निजी क्षेत्र, अकादमिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थान शामिल होंगे। टीएसआई दोनों देशों के बीच 2030 के रोड मैप पर आधारित है और यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

छात्रों को भी मिलेगा फायदा

टीएसआई सप्लाई चेन के सिस्टम में सुधार लाने और चिह्नित किए गए महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ एक्स्ट्रैक्शन टेक्नोलॉजी को विकसित करने में सहायक होगा। टीएसआई सेमीकंडक्टर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम आदि क्षेत्रों में यूके और भारत के बीच अनुसंधान, व्यापार और निवेश प्रवाह को भी बढ़ावा देगा। साथ ही माना जा रहा है कि यह समझौता भारत में प्रौद्योगिकी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को रोजगार के नए अवसर भी देगा। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को दोनों देश काफी प्राथमिकता से ले रहे हैं।