चीन स्थित LAC पर दुनिया के सबसे ऊंचे स्थल पर टनल बना रहा भारत, चुशूल से डेमचोक के बीच सड़क निर्माण पर काम शुरू
चीन की सीमा पर सेना तैनाती के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण समझे जाने वाले 16 रास्तों को खोलने का काम समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है। इससे हम दूर दराज के इलाकों की आर्थिक स्थिति भी तेजी से सुधारी जा सकेगी।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 08 Feb 2023 09:10 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने चीन से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सड़क, पुल और टनल निर्माण के कार्य को टॉप गियर में डाल दिया है। इस बारे में दशकों पुरानी सोच को दरकिनार करते हुए पूर्वी लद्दाख से लेकर सिक्कम तक और पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश स्थित एलएसी के पास रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पूरे इलाके में हर मौसम में काम आने वाले सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया है।
बालीपारा से तवांग तक सड़क काम काम अगस्त में होगा पूरा
सबसे महत्वपूर्ण लद्दाख स्थित चुशूल से डेमचोक के बीच 135 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का काम पिछले महीने ही शुरू हो गया है। यह जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी। अरूणाचल प्रदेश के तवांग जिले में भारत चीन की सीमा के पास दुनिया के सबसे ऊंचे स्थल पर टनल (13 हजार फीट की ऊंचाई पर) का निर्माण भी कर रहा है। एक विशेष ब्रीफिंग में उन्होंने बताया कि चीन सीमा से सटे भारतीय हिस्से में वर्ष 2002 से वर्ष 2014 के बीच 3610 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का निर्माण किया गया था जबकि वर्ष 2014 से वर्ष 2022 के पीच 6,806 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है।
आठ वर्षों में 22,439 मीटर पुलों का किया गया निर्माण
इस इलाके में पिछले आठ वर्षों में 22,439 मीटर पुलों का निर्माण किया गया है जबकि इसके पहले के 12 वर्षों के दौरान 7,270 मीटर पुलों का निर्माण किया गया था। पहले से जो परियोजनाएं चल रही थी उनकी रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। चीन की सीमा पर सेना तैनाती के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण समझे जाने वाले 16 रास्तों को खोलने का काम समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है। इससे हम दूर दराज के इलाकों की आर्थिक स्थिति भी तेजी से सुधारी जा सकेगी।जोजीला दर्रे को अब सिर्फ ढ़ाई महीने के लिए किया जा रहा बंद
इस वजह से ही जोजीला दर्रे को अब सिर्फ ढ़ाई महीने के लिए बंद किया जा रहा है। पहले चार-पांच महीनों के लिए इसे बंद किया जाता था। चीन के साथ मौजूदा तनावग्रस्त रिश्तों को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्री का यह बयान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पूर्वी लद्दाख स्थित एलएसी पर चीन की सेना की घुसपैठ करने के बाद जो सैन्य तनाव बना था वह पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। हालांकि हाल के महीनों में दोनो देशों ने महत्वपूर्ण तनाव वाले इलाकों से सेना की वापसी की है। लेकिन इस अनुभव के बाद भारत ने सड़क, पुल आदि निर्माण का काम और तेज कर दिया है।