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UNGA 2023: 'विदेशी हस्तक्षेप के कारण लोकतंत्र खतरे में' UN में जयशंकर की लताड़ के बाद बोला कनाडा

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में 78 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित किया। कनाडा पर कटाक्ष करते हुए जयशंकर ने भारत की ओर से यह साफ संदेश दिया की वो दिन खत्म हो गए जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और यह उम्मीद करते थे कि अन्य सभी देश उसका अनुसरण करें। इसको लेकर अब कनाडा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 27 Sep 2023 08:49 AM (IST)
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UN में जयशंकर की लताड़ के बाद बोला कनाडा (Image: ANI)

नई दिल्ली, ANI। India-Canada Controversy: भारत द्वारा नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के कुछ दिनों बाद केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां उन्होंने 78वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित किया।

जयशंकर ने अपने संबोधन में ग्लोबल साउथ, जी20 से लेकर विश्व मित्र युग को लेकर बात की। वहीं, भारत-कनाडा विवाद को लेकर भी जयशंकर चुप नहीं रहे और उन्होंने भारत की ओर से यह साफ संदेश दिया की वो दिन खत्म हो गए जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और यह उम्मीद करते थे कि अन्य सभी देश उसका अनुसरण करें।

जयशंकर का कनाडा पर कटाक्ष

कनाडा पर कटाक्ष करते हुए जयशंकर ने संदेश दिया की जब क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की बात आती है तो कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं करना चाहए कि राजनीतिक सुविधा आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर प्रतिक्रिया निर्धारित करती है। आंतरिक मामलों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने यह साफ कहा कि ऐसे गैर-हस्तक्षेप को चेरी-पिकिंग अभ्यास का नाम नहीं दिया जा सकता।

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2023

कनाडा ने दी प्रतिक्रिया

इसी पर अब कनाडा की ओर से प्रतिक्रिया आई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में कनाडा के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि रॉबर्ट राय ने समानता के महत्व पर बहुत जोर देते हुए स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाजों के मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया।

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विदेशी हस्तक्षेप से लोकतंत्र खतरे में

78वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हम समानता के महत्व पर बहुत जोर देते हैं, हमें स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाजों के मूल्यों को भी बनाए रखना होगा। हम राजनीतिक लाभ के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य के संबंधों के नियमों को मोड़ नहीं सकते, क्योंकि हमने देखा है और देखना जारी रखा है कि विदेशी हस्तक्षेप के विभिन्न माध्यमों से लोकतंत्र किस हद तक खतरे में है। सच्चाई यह है कि, यदि हम उन नियमों का पालन नहीं करते हैं जिन पर हम सहमत हैं, हमारे खुले और स्वतंत्र समाज का ताना-बाना ही टूटने लगता है।'

कनाडा-भारत विवाद

कनाडा-भारत विवाद ने तूल तब पकड़ा जब 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत की संलिप्तता होने का आरोप लगाया। इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

गौरतलब है कि निज्जर की हत्या 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडा की ओर से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।

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