India-Canada Row: भारत-कनाडा राजनयिक विवाद का सैन्य संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर, कनाडाई सेना उप प्रमुख का दावा
कनाडा के उप सेना प्रमुख मेजर जनरल पीटर स्कॉट ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद का मौजूदा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। खालिस्तानी समर्थक की हत्या मामले को लेकर उठे विवाद के बीच उन्होंने कहा कि हम इस मामले को राजनीतिक स्तर पर छोड़ते हैं। इस मामले का समाधान उन्हीं के बीच निकाला जाएगा।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 26 Sep 2023 01:54 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है। भारत और कनाडा के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हालांकि, इस बीच कनाडा के उप सेना प्रमुख मेजर जनरल पीटर स्कॉट ने मंगलवार को कहा कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद का मौजूदा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
30 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी शामिल
दरअसल, स्कॉट यहां इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) में एक कनाडाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें 30 से अधिक देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "इस समय जहां तक मेरी जानकारी है, इसका हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। हम प्रयास करने और समाधान के लिए मामले को राजनीतिक स्तर पर छोड़ देते हैं।"VIDEO | "That's a political issue and we will let the political masters deal with that. The Armies (of both countries) will focus on learning from each other and finding opportunities to train and exercise together," says Major General Peter Scott, Deputy Commander of the… pic.twitter.com/w4ZEDU1tWT
— Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2023
मेजर जनरल स्कॉट ने कहा, "हम यहां आकर खुश हैं और हमें बिल्कुल भी नहीं लगता कि इस मुद्दे पर मामला बिगड़ेगा।"
ट्रूडो के आरोपों को बताया बेतुका
मालूम हो कि जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए। हालांकि, भारत ने आरोपों को बेतुका कहकर खारिज कर दिया है और इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है।भारत से मांगा सहयोग
कनाडाई सेना के अधिकारी ने कहा, "यह हमारे दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर का एक मुद्दा है और निश्चित रूप से हमारे प्रधानमंत्री हाउस ऑफ कॉमन्स में उठे और इस समय चल रही स्वतंत्र जांच पर भारत के सहयोग का अनुरोध करते हुए एक बयान दिया।"उन्होंने कहा, "हमारी दोनों सेनाओं के बीच, इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। मैंने कल रात सेना के आपके कमांडर (सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे) से बात की। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका हमारे संबंधों पर कोई हस्तक्षेप नहीं है।"यह भी पढ़ें: Kanishka Plane में ब्लास्ट कर दिया था आतंकी घटना को अंजाम, फिर भी कनाडा का खालिस्तान के प्रति नरम रवैया क्यों?
मेजर जनरल स्कॉट ने कहा, "दो सेनाओं के रूप में हम अन्य 30 देशों के बीच अवसरों की तलाश कर रहे हैं, जो वर्तमान में इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, ताकि हम ऐसे क्षेत्रों को ढूंढ सकें जहां हम सहयोग कर सकें, एक साथ प्रशिक्षण कर सकें, अभ्यास और संचालन कर सकें ताकि हम सभी क्षेत्र के भीतर शांति, स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान दे सकें।"उन्होंने कहा, "अभी हम सहयोग करना और चर्चा करना जारी रखेंगे, जहां हम विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और कई इंडो-पैसिफिक देशों के सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान ढूंढ सकते हैं।"यह भी पढ़ें: India Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों का विरोध तेज, वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास की बढ़ी सुरक्षा