India Canada Row: कौन थे कनाडा जाने वाले पहले सिख, भारत से तनाव का समुदाय पर कैसे पड़ेगा असर?
Kesur Singh कनाडा और भारत के बीच तनाव बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में कनाडा में रहने वाले सिखों को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। ब्रिटिश भारत सेना में तैनात केसूर सिंह पहले सिख थे जो सबसे पहले कनाडा गए थे। वह 1897 में कनाडा गए थे। इसके बाद से सिखों का कनाडा जाने का सिलसिला शुरू हो गया।
By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 26 Sep 2023 05:05 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। India Canada Row: पिछले कुछ दिनों से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव (India Canada Tension) बढ़ गए हैं। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि कनाडा में रहने वाले सिखों पर इसका क्या असर पड़ेगा। दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि भारत सरकार ने कनाडाई नागरिकों की भारत में एंट्री बंद कर दी है। भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवा को निलंबित कर दिया है।
भारत-कनाडा के बीच क्यों बढ़ा राजनयिक तनाव?
कनाडा में कुछ महीनों पहले खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी। अब इस मामले को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि इसमें भारत सरकार के एजेंट का हाथ है। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। दोनों देशों के बीच ऐसे माहौल के बीच कनाडा में सबसे बड़ा संकट सिख समुदाय को लेकर मंडरा रहा है।
कनाडा में सिख समुदाय की स्थिति
कनाडा में सिखों की अच्छी आबादी है। कनाडा में 2021 में हुए जनगणना के अनुसार, कनाडा की कुल आबादी में 2.1 प्रतिशत सिख है। माना जाता है कि भारत के बाद सबसे अधिक सिख कनाडा में रहते हैं। यूं तो कनाडा में सिख समुदाय काफी पहले से मौजू है, लेकिन नब्बे के दशक से अधिक संख्या में सिखों ने कनाडा की तरफ रुख किया।
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सिखों ने कनाडा का कब किया रुख?
बता दें कि 1990 के आस-पास सिखों ने कनाडा में नौकरी और रोजगार के लिए रुख किया था। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया और ओंटारियो में रोजगार के अच्छे साधन ने अधिक संख्या में सिखों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया। वहां गए सिखों के रहन-सहन को लेकर नई पीढ़ी भी प्रभावित हुई और प्रवास का सिलसिला अभी तक जारी है।