'कनाडा को 26 लोगों के नाम की प्रत्यर्पण लिस्ट भेजी, लॉरेंस गैंग के लोगों पर भी एक्शन लेने को कहा', भारत ने ट्रूडो को फिर सुनाया
India Canada Row कनाडा की ओर से भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अब भारत ने भी बदले में कनाडा पर इन सबके पीछे राजनीतिक मकसद होने का आरोप लगाया है। साथ ही विदेश मंत्रालय ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उसने कनाडा से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोगों को गिरफ्तार करने को भी कहा था।
एजेंसी, नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक घमासान के बीच भारत ने एक और बड़ा आरोप कनाडा पर लगाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के पास भारत के कम से कम 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'ये पिछले एक दशक या उससे भी अधिक समय से लंबित हैं।' गौरतलब है कि कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या से भारत को जोड़े जाने के बाद इस सप्ताह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी खराब हो गए हैं।
'कहने के बाद भी नहीं की गिरफ्तारी'
साथ ही भारत ने आरोप लगाया कि उसने लॉरेंस गैंग के गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी का भी कनाडा से अनुरोध साझा किया था, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी के लिए कनाडाई पक्ष से कुछ अनुरोध साझा किए थे। उन्होंने हमारी मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके पीछे एक राजनीतिक मकसद भी है।'
#WATCH | MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We had shared some requests with the Canadian side for the arrest of those from Lawrence Bishnoi’s gang. They haven’t taken any action on our core concerns. There is a political motive also behind this." pic.twitter.com/sK8dbQk13l
कनाडा ने नहीं दिया कोई सबूत: भारत
भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के साथ मौजूदा कूटनीतिक विवाद ट्रूडो सरकार के निराधार आरोपों के कारण बढ़ा है। साथ ही भारत ने दोहराया कि नई दिल्ली के खिलाफ कनाडा के गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत साझा नहीं किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सार्वजनिक जांच के दौरान स्वीकार करना बताता है कि भारत के खिलाफ लगाए गए आरोप कितने अहम हैं। इससे पहले ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाते समय उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ठोस साक्ष्य नहीं था।
(जस्टिन ट्रुडो ने पिछले साल कनाडा की संसद से लगाए थे भारत के खिलाफ गंभीर आरोप। File Image)
'भारत के रुख की पुष्टि'
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि उसने जो सुना है, वह नई दिल्ली के इस लगातार रुख की पुष्टि करता है कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। ब्रीफिंग के दौरान, जायसवाल ने दोहराया कि अभी तक कनाडा द्वारा कोई सबूत साझा नहीं किया गया है।
#WATCH | On the India-Canada row, MEA spokesperson says, "We have seen comments of PM Trudeau that he believes in One India policy, but so far the actions we have requested against anti-India elements, no action has been taken. There is a gap between actions and words here." pic.twitter.com/d9bEBwCuk7— ANI (@ANI) October 17, 2024
उन्होंने कहा, 'वर्तमान संकट (भारत-कनाडा संबंधों में) ट्रूडो सरकार के निराधार आरोपों के कारण हुआ है।' एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, जायसवाल ने कहा कि भारत की ओर से 26 प्रत्यर्पण अनुरोध एक दशक या उससे अधिक समय से कनाडा की ओर से लंबित हैं।