India Canada Row: भारत-कनाडा क्यों हैं आमने-सामने, राजदूत वापस बुलाने तक कैसे पहुंची बात? विवाद की पूरी कहानी
India Canada Row Tensions History Timeline पिछले वर्ष 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तनावग्रस्त चल रहा भारत और कनाडा का कूटनीतिक रिश्ता सोमवार को टूटने के कगार पर पहुंच गया। यह खबर आने के बाद कि निज्जर हत्याकांड की जांच में कनाडा सरकार वहां स्थित भारतीय उच्चायुक्त व उच्चायोग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की जांच करने जा रही है।
भारत-कनाडा में क्या है नया विवाद?
भारत ने कनाडा पर क्या एक्शन लिया?
कनाडा के आरोप पर भारत ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के आरोपों को बेहूदा करार दिया और कहा कि उसे अब ट्रूडो सरकार पर भरोसा नहीं है, वह कुछ भी कर सकती है। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि भारत के खिलाफ अतिवाद, हिंसा और अलगाववाद का समर्थन करने वाली ट्रूडो सरकार पर आगे कार्रवाई करने का उसका अधिकार सुरक्षित है।कैसे शुरू हुआ भारत-कनाडा विवाद?
भारत-कनाडा विवाद की शुरुआत वर्ष 2023 में उस वक्त हुई जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत द्वारा आतंकवादी घोषित हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा ने भारत की संलिप्तता का दावा किया था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर 2023 को कनाडा की संसद में आरोप लगाया कि भारत भारत सरकार के एजेंटों ने ही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की है। इसके भारत भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था। गौरतलब है कि एक साल से चल रहे इस विवाद में कनाडा ने अभी तक भारत को एक भी सबूत उपलब्ध नहीं कराये हैं।क्या रही भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी और कहा' भारत सरकार निरर्थक आरोपों को सिरे से खारिज करती है और इसे ट्रूडो प्रशासन की वोट बैंक राजनीति के एजेंडे से प्रेरित मानती है। पीएम ट्रूडो ने सितंबर 2023 में जो आरोप लगाए थे, उसके संदर्भ में अभी तक एक भी सुबूत भारत सरकार को उपलब्ध नहीं कराया गया है। अभी जो नया कदम उठाया गया है, उसके पीछे भी कोई सुबूत नहीं है। ऐसे में इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उक्त कदम भारत की छवि को नुकसान पहुंचाकर राजनीतिक लाभ के मकसद से उठाया गया है।'
भारत विरोधी बयान का भी जिक्र
- वर्ष 2018 में ट्रूडो की भारत यात्रा का जिक्र भी किया गया है, जिसका इस्तेमाल ट्रूडो ने कनाडा चुनाव में अपनी छवि चमकाने के लिए किया था।
- विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ट्रूडो ने अपनी कैबिनेट में भारत के खिलाफ अलगाववाद व अतिवाद का समर्थन करने वालों को जगह दी।
- दिसंबर 2020 में ट्रूडो द्वारा दिए गए एक भारत विरोधी बयान का भी जिक्र किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाना इसी सोच की अगली कड़ी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा' यह कोई संयोग नहीं है कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ तब माहौल बनाया गया है जब ट्रूडो कनाडाई संसद की विदेशी मामलों से जुड़े आयोग के समक्ष पेश होने वाले हैं। ट्रूडो अपने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए हमेशा से भारत विरोधी एजेंडे पर काम करते हैं।'